बरसात ने फेरा किसानों की मेहनत पर पानी
दोपहर बाद क्षेत्र में अचानक तेज बरसात हुई। जिससे किसानों की मंडी में बिक्री के लिए लाया गया धान भीग गया।
संवाद सूत्र, निसिग : दोपहर बाद क्षेत्र में अचानक तेज बरसात हुई। जिससे किसानों की मंडी में बिक्री के लिए लाया गया धान भीग गया। आनन-फानन में किसानों ने मंडी में शेड से बाहर फडों पर पड़ी ढ़ेरियों को ढकने का प्रयास किया। लेकिन ढेरियां खुले में भीगती रही। करीब आधे घंटे तक हुई बरसात में मंडी पानी-पानी हो गई, जिसे देख किसानों के चेहरे उतर गए। रामभज, राजपाल शर्मा, कृष्ण लाल, नरेश कुमार, व मुकेश कुमार सहित अन्य किसानों का कहना था कि मंडी में पहले ही किसानों की फसल कम दामों पर बिक रही है। वहीं, बरसात ने भी उन्हें नुकसान पहुंचा दिया है। बारिश में भीगे धान में नमी बढ़ने से व्यापारी औने-पौने दामों में खरीदेंगे। धान को कम दामों में नही बेचने पर नमी के कारण गुणवत्ता में कमी आएगी। फसल बिकने तक मंडी में पहरेदारी करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि बरसात ने खेतों में पकी खड़ी धान की कटाई को भी रोक दिया है। जिन किसानों ने कई दिन पहले खड़ी फसल की सिचाई की थी। उनमें बरसात का पानी जमा हो गया। मंडी में व्यापारियों द्वारा खरीदा गया धान भी भीग गया। मंडी में सही निकासी के अभाव में सड़कों पर पानी जमा हो गया। मंडी में इन दामों में बिक रहा धान
अनाज मंडी में किसानों को 1509 धान को 2400-2550 रुपये प्रति क्विटल तक खरीद किया जा रहा है। वहीं, पीआर धान को 1600 से 1750 रुपये प्रति क्विटल खरीदा जा रहा है। मंडी में बरसात के बाद आया हुआ धान व शेडों के नीचे पड़ा धान खरीदा गया। मार्केट कमेटी से मिले आंकड़ों के अनुसार धान की आवक 35 हजार क्विटल के पार है।