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धान घोटाले के सुबूत दे विपक्ष : दुष्यंत

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं होगा। राजस्व चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने धान घोटाले के संदर्भ में विरोधियों को ठोस तथ्य पेश करने की चुनौती दी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 09:27 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 09:27 AM (IST)
धान घोटाले के सुबूत दे विपक्ष : दुष्यंत
धान घोटाले के सुबूत दे विपक्ष : दुष्यंत

जागरण संवाददाता, करनाल : प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं होगा। सरकार आम जन के हित में तमाम जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि नई शराब पॉलिसी के तहत गड़बड़ी करने वाले ठेकेदार बैन किए जाएंगे। राजस्व चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने धान घोटाले के संदर्भ में विरोधियों को ठोस तथ्य पेश करने की चुनौती दी।

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उप मुख्यमंत्री गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत के बाद संवाददाताओं से वार्ता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि हर महीने के पहले मंगलवार को प्रदेश के सभी एसडीएम कार्यालयों में राजस्व दिवस मनाया जाएगा। इस दिन राजस्व विभाग के पटवारी से लेकर एसडीएम तक सभी अधिकारी एक साथ बैठेंगे। जमीन संबंधी मामले कोर्ट में पिछले 25 सालों से लंबित हैं। हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे मामलों पर तुरंत कार्रवाई हो। विकास में बाधक मामलों में सुधार के लिए नियम बदलने भी पड़ें तो पीछे नहीं हटेंगे। एक्साइज विभाग में अनियमितताओं और शराब ठेकेदारों की मनमानी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि कहीं कोई ब्लैक लिस्टेड व्यक्ति ठेका हासिल करने की प्रक्रिया में शामिल हो रहा है तो संबंधित क्षेत्र के निवासियों या जिला प्रशासन की ओर से इस बाबत जानकारी आने पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। करनाल समेत पूरे प्रदेश से शराबबंदी के लिए 704 आवेदन प्राप्त हुए हैं, इन पर विचार हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि एक्साइज विभाग इस साल 6700 करोड़ का लक्ष्य हासिल करेगा। जबकि पिछली बार 6100 करोड़ एकत्र हुए थे। इस बार महज 80 दिन में कड़ी मेहनत से लक्ष्य हासिल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। गड़बड़ी करने वाले ठेकेदार बैन किए जाएंगे। राजस्व चोरी करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। गिरेबा में झांके आरोप लगाने वाले

धान घोटाले से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि पहले तो यही स्पष्ट हो कि धान घोटाला कहा किसे जा रहा है? जब फिजिकल स्टॉक पूरा है तो घोटाला कैसे हुआ? दो बार इसकी फिजिकल वेरिफिकेशन हो चुकी है। 64 लाख मीट्रिक टन में सिर्फ 36 हजार मीट्रिक टन स्टॉक कम मिला। पहले 70-70 हजार मीट्रिक टन तक लॉस होता था, जब परचेज केवल 35 लाख मीट्रिक टन होता था। आरोप लगाने वालों को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। घोटाला है तो इसके तथ्य भी तो सामने लाएं। प्रदेश सरकार किसी भी स्तर पर इसकी जांच कराने के लिए हमेशा तैयार है। कथित शुगर मिल घोटाले के संदर्भ में उन्होंने कुछ संज्ञान में होने से इंकार किया तो दिल्ली चुनाव में आवश्यकता के आधार पर अपनी सहयोगी पार्टी के लिए प्रचार करने जाने की बात पर सहमति व्यक्त की।


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