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जनसमस्याओं को लेकर कितने लापरवाह हैं अफसर, मेयर के वाट्सएप नंबर पर 24 घंटे में पहुंचीं 202 शिकायतें

जनता की समस्याओं के समाधान के प्रति अधिकारियों की लापरवाही के रोजाना किस्से सामने आते हैं। निगम के अधिकारी जनता की समस्याओं को लेकर कितना संजीदा रहते हैं इसकी एक नई तस्वीर बुधवार को भी सामने आई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 09:26 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 09:26 AM (IST)
जनसमस्याओं को लेकर कितने लापरवाह हैं अफसर, मेयर के वाट्सएप नंबर पर 24 घंटे में पहुंचीं 202 शिकायतें
जनसमस्याओं को लेकर कितने लापरवाह हैं अफसर, मेयर के वाट्सएप नंबर पर 24 घंटे में पहुंचीं 202 शिकायतें

जागरण संवाददाता, करनाल

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जनता की समस्याओं के समाधान के प्रति अधिकारियों की लापरवाही के रोजाना किस्से सामने आते हैं। निगम के अधिकारी जनता की समस्याओं को लेकर कितना संजीदा रहते हैं, इसकी एक नई तस्वीर बुधवार को भी सामने आई। निगम की महापौर रेणुबाला गुप्ता ने वाट्सएप नंबर जारी किया था। जिस पर लोग अपनी शिकायत कर सकते हैं। महज 24 घंटे के अंदर ही 202 शिकायतें वाट्सएप नंबर पर आ गई। यह दिलचस्प हकीकत बताने के लिए काफी है कि नगर निगम के अधिकारी जनता की कितनी सुनते हैं। वाट्सएप नंबर पर लगे शिकायतों के अंबार को लेकर खुद मेयर भी हैरान है। शिकायतों को निपटाने के लिए मेयर ने संबंधित अधिकारियों को फारवर्ड कर दिया है। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जो शिकायतें वाट्सएप नंबर पर आई हैं, उनका प्रमुखता से निपटान करे। मेयर ने दावा किया कि जो शिकायतें उन्हें मिली हैं, उनका 100 प्रतिशत हल किया जाएगा। अहम सवाल- क्या बिना जनप्रतिनिधि के हस्तक्षेप के निगम में काम नहीं होते?

24 घंटे में आई शिकायतें यह बताने के लिए काफी है कि आम जनता की सुनवाई नगर निगम के अधिकारी नहीं कर रहे हैं। मेयर ने वाट्सएप नंबर से शिकायतें लेकर उनकी समस्या के समाधान के लिए एक प्लेटफार्म तो लोगों को दिया है, लेकिन इस प्लेटफार्म से लोगों को न्याय मिलने में देरी हो सकती है। बहुत सी ऐसी छोटी-छोटी शिकायतें हैं जो अधिकारी यदि गंभीरता से लें तो लोगों का समय बच सकता है। सवाल उठता है कि क्या बिना जनप्रतिनिधि हस्तक्षेप के आम जनता की नहीं सुनी जाएगी? सार्वजनिक समस्याएं ही हल नहीं तो, निजी कैसे दूर होंगी

मेयर के वाट्सएप नंबर 99919-00059 पर आई 202 शिकायतों में से 80 प्रतिशत शिकायतें सार्वजनिक हैं। 80 शिकायतें सफाई व शौचालयों के रख-रखाव को लेकर, 30 स्ट्रीट लाइटों से संबंधित, 15 वाटर सप्लाई से जुड़ी, 25 सीवर से संबंधित तथा 50 शिकायतें सड़कों पर पड़े गड्ढों को लेकर हैं। इसके अलावा दो शिकायत पार्क की मेंटेनेंस को लेकर की गई थी। बड़ा सवाल यह है कि निगम अधिकारी सार्वजनिक समस्याओं का हल ही नहीं कर पाए तो लोगों की निगम से जुड़ी व्यक्तिगत समस्याएं कैसे दूर होंगी। मेयर रेणुबाला से सीधी बातचीत

सवाल- आपके वाट्सएप नंबर पर 24 घंटे में 202 शिकायतें आई हैं, क्या अधिकारी सुनवाई नहीं करते?

जवाब- जो शिकायतें मेरे पास आई हैं, वह संबंधित अधिकारियों को फारवर्ड कर दी गई हैं, उनका हल करना मेरी प्राथमिकता है। कल सभी शिकायतों का रिव्यू भी कराउंगी। सवाल- कम समय में बड़ी शिकायतें आना यह बता रहा है कि अधिकारी लोगों की सुनवाई नहीं करते, समाधान के लिए आपको हस्तक्षेप करना पड़ा?

जवाब- इन शिकायतों से वॉच किया जाएगा कि कौन अधिकारी नेगलीजेंसी कर रहा है। लापरवाह के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। सवाल- आप कितने आश्वस्त हैं कि सभी 202 शिकायतों का समाधान होगा या नहीं?

जवाब- सभी समस्याओं का हल होगा। हर शिकायत पर मेरा फोकस है। जो शिकायतें अधिकारियों को भेजी गई हैं उनका रिव्यू किया जाएगा। लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सवाल- छोटे-छोटे कामों को लेकर भी लोग अधिकारियों के चक्कर लगाते हैं, लेकिन आम आदमी की सुनवाई नहीं हो रही?

जवाब- शिकायतों के हल को लेकर मैने अपने स्टाफ की ड्यूटी लगा दी है। छोटे-छोटे कामो के लिए नागरिकों को दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं, अब उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं है। नागरिक ऊपर बताए गए वाट्सएप नंबर पर अपनी शिकायत बताकर उसका समाधान करवा सकते हैं।


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