विभाग की काली सूची में 30 हुई डिफाल्टर राइस मिलों की संख्या
जागरण संवाददाता, करनाल : डिफाल्टर राइस मिलर्स पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने एक बार फिर ि
जागरण संवाददाता, करनाल : डिफाल्टर राइस मिलर्स पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने एक बार फिर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वर्ष 2013-14 से अब तक 30 राइस मिलर्स को काली सूची में डाला गया है। हाल ही में कुंजपुरा के जय बजरंग बली राइस मिल के खिलाफ विभाग ने एसपी को एफआइआर दर्ज करने के लिए लिखा है। हालांकि इनकी संख्या पहले 26 थी, लेकिन इस वर्ष चार राइस मिलर्स को ओर इस सूची में डाला है। जिन मिलों को काली सूची में डाला गया है उन्होंने सरकार से धान की पैडी तो ले ली, लेकिन उन्होंने मि¨लग के बाद चावल वापस नहीं किए हैं। बार-बार नोटिस जारी करने के बाद भी कोई रिस्पोंस नहीं मिला तो खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने शिकंजा करते हुए इन राइस मिलों को काली सूची में डाल दिया है। हालांकि पिछले वर्षो में ब्लैक लिस्ट किए गए लगभग 26 राइस मिलों पर कार्रवाई की है। कुछ के खिलाफ अभी भी कानूनी प्रक्रिया चल रही है। इस वर्ष भी चार राइस मिल निकलकर सामने आए हैं। जिसमें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अंतर्गत जय बजरंग बली राइस मिल कुंजपुरा, हैफेड के स्वास्तिक इंटरप्राइसेस मोहियूद्दीपुर, एग्रो के मैसर्स बंसी फूड कुटेल व एसएस राइस लैंड अमृतपुर शामिल हैं। जिन पर कार्रवाई के लिए विभाग ने मन बनाया हुआ है। कुछ के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
31 मार्च तक देना होता है चावल
धान का सीजन अक्टूबर माह तक चलता है। सीजन के दौरान ही राइस मिलर्स को पैडी आवंटित की जाती है। उन्हें निर्देश दिए जाते हैं कि उन्होंने जितनी पैडी ली है, उसको मि¨लग कर चावल 31 मार्च तक वापस देना होता है। हर बार सरकार तारीख को जून तक बढ़ा देती। यदि फिर भी राइस मिल चावल वापस नहीं करता है तो उनको डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता है और सरकार के निर्देश पर उन्हें काली सूची में डाला जाता है। मिलर्स को एक ¨क्वटल पैडी की एवज में 67 किलोग्राम चावल वापस करना होता है।
वर्जन
डिफाल्टर राइस मिलर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। इस वर्ष भी चार राइस मिलर्स डिफाल्टर हुए हैं। उनको ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। उनके खिलाफ पुलिस को एफआइआर दर्ज करवाने को लेकर लिखा गया है। जिन मिलों को पैडी दी गई है उनको सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुसार माल दिया जाए। लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अनिल कुमार, डीएफएससी करनाल।