अब कैदी व बंदियों की फरमाइश पर जेल में गूंजेंगे प्रवचन से लेकर गीत-संगीत
जिला जेल में अब रेडियो पर प्रवचन से लेकर फिल्मी गीत गूंजते हुए सुनाई देंगे। ये गीत विभिन्न मामलों के चलते यहां बंद कैदियों व बंदियों की फरमाइश पर चलाए जाएंगे। इसके लिए तिनका-तिनका फाउंडेशन के सहयोग से रोहतक गुरुग्राम और केंद्रीय जेल (प्रथम) हिसार के साथ-साथ करनाल जेल में भी वीरवार को रेडियो शुरू किया गया जिसका उद्घाटन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और स्वास्थ्य) राजीव अरोड़ा जेल महानिदेशक के सेल्वराज ने किया।
जागरण संवाददाता, करनाल : जिला जेल में अब रेडियो पर प्रवचन से लेकर फिल्मी गीत गूंजते हुए सुनाई देंगे। ये गीत विभिन्न मामलों के चलते यहां बंद कैदियों व बंदियों की फरमाइश पर चलाए जाएंगे। इसके लिए तिनका-तिनका फाउंडेशन के सहयोग से रोहतक, गुरुग्राम और केंद्रीय जेल (प्रथम) हिसार के साथ-साथ करनाल जेल में भी वीरवार को रेडियो शुरू किया गया, जिसका उद्घाटन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और स्वास्थ्य) राजीव अरोड़ा, जेल महानिदेशक के सेल्वराज ने किया। इस दौरान सेशन जज जगदीप जैन, एडिशनल सेशन जज आरके मेहता, जेल अधीक्षक अमित कुमार भादों भी मौजूद रहे। जबकि उप-अधीक्षक शैलाक्षी भारद्वाज ने धन्यवाद जताया। कार्यक्रम के दौरान कई बंदियों को अपनी बैरक में कार्यक्रम सुनने का मौका मिला।
अपने संबोधन में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और स्वास्थ्य) ने कहा कि जेलों में रेडियो की मौजूदगी से सकारात्मक असर पड़ा है। कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में बंदियों को मानसिक संबल देने के लिए प्रदेश सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है और 19 में से सात जेलों में रेडियो शुरू किया जा चुका है, जहां 47 बंदी रेडियो जॉकी बन चुके हैं। प्रदेश की चार जेलों के लिए रेडियो लाने का काम पूरा कर लिया है। यहां रेडियो लाने की संकल्पना से लेकर बंदियों के चयन, ट्रेनिग और कार्यक्रमों की तैयारी का काम तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. वर्तिका नन्दा ने किया।
बता दें कि इसी साल की शुरूआत में ही पानीपत, फरीदाबाद व अंबाला की सेंट्रल जेल में रेडियो शुरू किया जा चुका था। अब तीसरे चरण में सिरसा, झज्जर, सोनीपत, जींद औऱ यमुनानगर की जेलों में भी रेडियो लाए जाने को लेकर तैयारी की जा चुकी है। इसके तहत इन सभी जेलों के लिए ऑडिशन का काम हो चुका है।
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बंदियों को जेल रेडियो के शोध से जोड़ेंगे
जिला जेल अधीक्षक अमित कुमार भादों के मुताबिक तिनका-तिनका फाउंडेशन ने इसी सप्ताह तिनका प्रिजन रिसर्च सेल की घोषणा की है, जिसके तहत जेलों के चार बंदियों को जेल रेडियो के शोध से जोड़ा गया है। तिनका मॉडल ऑफ प्रिजन रिफॉर्म जेलों में बंदियों की संचार की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रयोग कर रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्तिका नन्दा दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख हैं। -------------
10 बंदियों को दी गई ट्रेनिग
बता दें कि 2434 बंदी व कैदियों की क्षमता वाली जिला जेल में फिलहाल 1776 बंदी व कैदी हैं, जिनमें 223 महिलाएं हैं। जेल में 242 महिलाएं बंदी व कैदी रखे जाने की क्षमता है। रेडियो शुरू करने से पहले उक्त फांउडेशन द्वारा 10 बंदियों को ट्रेनिग दी गई, जिनमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं। फोटो परिचय-- जिला जेल में रेडियो का उद्वाटन करते सेशन जज जगदीप जैन, एडिशनल सेशन जज आरके मेहता व साथ में जेल अधीक्षक अमित कुमार भादो।
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बंदियों व कैदियों को मिलेगा सुकून : भादों
जेल अधीक्षक अमित कुमार भादों का कहना है कि रेडियो शुरू होने पर अब बंदी व कैदी अपनी-अपनी फरमाइश के आधार पर प्रवचन व अन्य धार्मिक कार्यक्रमों से लेकर फिल्मी गीत भी सुन सकेंगे। बंदी अपनी बैरक से ही नंबरदार के मार्फत पर्ची पर फरमाइश लिखकर दे सकेगा, जो तत्काल रेडियो कक्ष पहुंचाई जाएगी। यह सुनकर उन्हें सुकून मिल सकेगा और उनमें सकारात्मक बदलाव आएगा।