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वास्तुमंडला का निगम को नोटिस : हमारे नक्शे पर लगाई ग्रिड आर्केटेक्चर की मुहर

फोटो समाचार सब हेड : मल्टी लेयर पार्किग निगम कमिश्नर और कंपनी पर खड़े किए सवाल क्रॉ

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 01:33 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 01:33 AM (IST)
वास्तुमंडला का निगम को नोटिस : हमारे  नक्शे पर लगाई ग्रिड आर्केटेक्चर की मुहर
वास्तुमंडला का निगम को नोटिस : हमारे नक्शे पर लगाई ग्रिड आर्केटेक्चर की मुहर

प्रदीप शर्मा, करनाल

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विवादों में रही मल्टी लेयर पार्किंग एक बार फिर सुर्खियों मे है। मल्टी लेयर पार्किंग का नक्शा अप्रूव होने के बाद वास्तुमंडला आर्केटेक्चर कंपनी की ओर से नगर निगम कमिश्नर और राजीव खन्ना डायरेक्टर ग्रिड आर्केटेक्चर इंटीरियर्स प्रा. लिमिटेड को लीगल नोटिस जारी किया है। वास्तुमंडला का आरोप है कि मल्टी लेयर पार्किग का जो नक्शा उन्होंने तैयार किया था लगभग उसी नक्शे की ड्राइंग दिल्ली की ग्रिड आर्केटेक्चर कंपनी ने जमा कराया है। यह कॉपी राइट एक्ट 1957 का उल्लंघन है। नोटिस का जवाब 15 दिन के भीतर देने को कहा गया है।

गौरतलब है कि 23 दिसंबर 2015 को मल्टी लेयर पार्किंग का नक्शे का टेंडर हो गया था। वास्तुमंडला आर्केटेक्चर का डिजाइन सबमिट हो गया था। मौखिक तौर पर सीएम ने भी प्रेजेंटेशन में नक्शे को अप्रूव कर दिया था, लेकिन बाद में वास्तुमंडला को डिस्कवालीफाई कर ग्रिड आर्केटेक्चर को काम दे दिया गया। आरोप है कि जो नक्शा वास्तुमंडला ने बनाया था उसको ग्रिड ने कॉपी कर ऐसे ही मंजूरी ले ली। इसी को आधार बनाकर नगर निगम और ग्रिड कंपनी को नोटिस दिया गया है। ऐसे चला मल्टी लेयर पार्किंग का घटनाक्रम

23 दिसंबर 2015 मल्टी लेयर पार्किग के नक्शे के टेंडर की तारीख निश्चित की गई, लेकिन नहीं हुआ।

6 जनवरी 2016 को टेंडर किया आमंत्रित किए।

11 फरवरी 2016 को डायरेक्टर अर्बन लोकल बॉडीज के पास प्रेंजेंटेशन कराई गई। इसके बाद पांच माह चुप रहे।

30 जून 2016 को स्मार्ट सिटी राउंड-2 में वास्तुमंडला का डिजाइन पब्लिश किया गया।

13 जुलाई 2016 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष प्रेजेंटेशन कराई गई।

31 मार्च 2017 को स्मार्ट सिटी राउंड-3 की रिपोर्ट में डिजाइन फिर पब्लिश कराया।

24 मई 2017 को वास्तुमंडला आर्केटेक्चर को मी¨टग के लिए विकास सदन बुलाया, लेकिन कुछ समय पहले कैंसल हुई।

08 जून 2017 को दोबारा से प्रेंजेंटेशन के लिए कंपनी के अधिकारी को बुलाया, लेकिन टेक्नीकल लिस्ट में 60 में से 54 नंबर बता डिस्क्वालीफाई कर दिया। लोग पूछ रहे निगम से सवाल, कब होगा स्मार्ट शहर

स्मार्ट सिटी के इस अहम प्रोजेक्ट को खींचतान में तीन साल बिता दिए। करीब साढ़े 37 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली मल्टी लेयर पार्किंग का वर्क आर्डर सबसे पहले वर्ष 2015 में हुआ था। लेकिन खींचतान व अधिकारियों की लापरवाही के कारण अब तक सिरे नहीं चढ़ा। लोग स्मार्ट सिटी को लेकर सवाल भी खड़े करने लगे हैं कि आखिर हमारा शहर कब स्मार्ट होगा। समझ नहीं आ रहा कि स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट को लटकाने की पीछे मंशा क्या है? अब प्रोजेक्ट की क्या स्थिति है?

ग्रिड आर्केटेक्चर की ओर से दिया गया मल्टी लेयर पार्किंग का नक्शा अप्रूव हो गया है। आधिकारिक घोषणा बाकी है। ग्रिड की ओर से पार्किग का स्ट्रक्चर डिजाइन किया जा रहा है। मार्च से पहले इस पर काम शुरू करने की प्ला¨नग है।


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