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डिपो इंस्पेक्टर और एएफएसओ को नोटिस दो दिन में मांगा जवाब

खाद्य आपूर्ति विभाग ने आखिरकार डिपो इंस्पेक्टर और एएफएसओ को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब मांगा है। इस कार्यवाही के बाद इंस्पेक्टर्स में हड़कंप मचा हुआ है। विभाग के सीनियर अधिकारियों ने बताया कि पहली नजर में डिपो होल्डर्स और इंस्पेक्टर की मिलीभगत सामने आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 09:07 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 09:07 AM (IST)
डिपो इंस्पेक्टर और एएफएसओ को नोटिस दो दिन में मांगा जवाब
डिपो इंस्पेक्टर और एएफएसओ को नोटिस दो दिन में मांगा जवाब

जागरण संवाददाता करनाल : खाद्य आपूर्ति विभाग ने आखिरकार डिपो इंस्पेक्टर और एएफएसओ को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब मांगा है। इस कार्यवाही के बाद इंस्पेक्टर्स में हड़कंप मचा हुआ है। विभाग के सीनियर अधिकारियों ने बताया कि पहली नजर में डिपो होल्डर्स और इंस्पेक्टर की मिलीभगत सामने आ रही है। क्योंकि इंस्पेक्टर यदि मुस्तैद होते तो इतना बड़ा भ्रष्टाचार नहीं हो सकता था। हालांकि भ्रष्टाचार का पता चलने के बाद भी इंस्पेक्टर्स को बचाने की कोशिश अंत तक होती रही। जागरण ने जब सिलसिलेवार इस घोटाले को परत दर परत उजागर किया तो आखिरकार अब खाद्य आपूर्ति विभाग की जांच टीम ने इंस्पेक्टर की भी जिम्मेदारी सुनिश्चित की।

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पहले डिपो होल्डर्स को बचाने की होती रही कोशिश

इस मामले में खाद्य आपूर्ति विभाग के सीनियर अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में रही है। घोटाला यहीं है कि डिपो होल्डर्स ने राशन कार्डधारकों के अंगूठे लगवा कर सॉफ्टवेयर में आटे की डिलीवरी दिखा दी, लेकिन आटा दिया ही नहीं। तो इसमें डिपो होल्डर्स का फॉल्ट है, लेकिन इन पर विभाग के अधिकारी खूब मेहरबान रहे। उन्हें अंत तक बचाने की कोशिश होती रही। अब जब मामला उछल गया 66 डिपो होल्डर्स की सप्लाई सस्पेंड कर दी गयी।

फिर इंस्पेक्टर पर मेहरबानी नजर आती रही

डिपो होल्डरों की निगरानी के लिए इंस्पेक्टर होते हैं, यदि वह समय पर उचित कार्रवाई करते तो इस घोटाले को पहले ही चरण में पकड़ा जा सकता था। उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में दो बातें सामने आ रही है। पहली तो यह है कि क्या वह डिपो होल्डर के साथ मिले हुए थे, या उन्होंने लापरवाही की है। इसके चलते ही इतनी बड़ी गड़बड़ी हुई। इंस्पेक्टर को भी अब नोटिस किए गए हैं।

एक इंस्पेक्टर तो मेडिकल लीव पर चला गया

मामले में चर्चा में आए राजेंद्र इंस्पेक्टर तो लंबी मेडिकल लीव पर चला गया है। उसने बताया कि वह बृहस्पतिवार को ज्वाइन करेगा, इसके बाद नोटिस का जवाब देगा। एक अन्य इंस्पेक्टर बिजेंद्र ने बताया कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला। एएफएसओ रविद्र जागलान को भी मामले में नोटिस किया गया है।

एक बार जवाब आ जाए, फिर तय होगी कार्रवाई

इधर डीएफएससी का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे अनिल कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार तक नोटिस का जवाब आ जाएगा।इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले की रिपोर्ट हेड आफिस भेज दी है।


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