नोटा का योगदान ना दे जाए झटका
जागरण संवाददाता, करनाल नगर निगम के चुनाव में बहुत से मतदाताओं की नजर में नोटा भी एक वि
जागरण संवाददाता, करनाल
नगर निगम के चुनाव में बहुत से मतदाताओं की नजर में नोटा भी एक विकल्प रहा। नोटा का योगदान अगर ईवीएम में बड़ा होता है तो यह कई प्रत्याशियों को झटका दे जाएगा। खासकर पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद नोटा का बढ़ा प्रतिशत देखकर प्रत्याशी ¨चतित हैं। उन्हें लगता है कि यदि उनके प्रभाव वाले क्षेत्र में जितने वोट नोटा में जाएंगे, उतने ही वोट उनके कम होंगे। इससे उन्हें नजदीकी मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है। यह भी गौर करने वाली बात होगी कि कोई बेहद कम अंतर से हारता है तो वह नोटा को ही दोष देता हुआ नजर आएगा। यहां हुई नोटा दबाओ की अपील
माडल टाउन क्षेत्र के मतदान केंद्र के पास खड़े कुछ मतदाता किसी भी प्रत्याशी से संतुष्ट नजर नहीं आए। उन्होंने यहां से गुजरने वाले मतदाताओं से बकायदा नोटा का बटन दबाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि इस क्षेत्र से कोई योग्य प्रत्याशी खड़ा नहीं हुआ है। उनके सहित कई मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है। लोगों से मिली जानकारी के अनुसार भी यदि किसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा नोटा का बटन मतदताओं ने दबाया है तो वह मॉडल टाउन एरिया है। अब यह ईवीएम खुलने के बाद ही पता लगेगा कि इस क्षेत्र के कितने लोगों ने नोटा का बटन दबाकर सभी प्रत्याशियों को नकार दिया। बूथ कर्मचारियों ने दिखाई सजगता
शहर में स्थापित 224 बूथ पर कर्मचारियों ने पूरी सजगता के साथ काम किया। चूंकि मेयर और पार्षद पद के लिए एक साथ वोट डाला जाना था। मेयर और पार्षद में से किसी को वोट नहीं डालने पर बीप की आवाज नहीं आनी थी। यारी की वो¨टग प्रक्रिया अधूरी मानी जाती। ऐसे में कर्मचारियों ने यह सुनिश्चित किया कि वोटर मेयर और पार्षद पद दोनों के लिए वोट डालें। तभी जाकर बीप की आवाज आएगी।