कचरे का नहीं हो रहा उठान, रात में लगाई जा रही आग
जागरण संवाददाता, करनाल : नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल 15 दिन से जारी है। निगम का दावा है कि
जागरण संवाददाता, करनाल : नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल 15 दिन से जारी है। निगम का दावा है कि 1382 में 723 कर्मचारी आज भी शहर की सफाई कर रहे हैं। कुछ दिक्कत तो जरूर है, लेकिन हालात बिगड़े नहीं हैं। शहर के मुख्य स्थानों से कचरे का उठान रोजाना हो रहा है। इधर, हड़ताल पर बैठे कर्मचारी सभी दावों को झूठा करार दे रहे हैं।
जागरण ने रात को शहर का दौरा कर जानने का प्रयास किया कि आखिर सच्चाई क्या है। जो देखा वह हैरान करने वाला था। शहर के करीब 10 मुख्य डं¨पग प्वाइंट पर कचरे के ढेर के साथ में जल रहे थे एनजीटी के आदेश। जिन्हें बीते वर्ष जारी किया गया था। इसके अनुसार कचरे में आग लगाने पर पांच हजार रुपये जुर्माना है। नगर पालिका कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि अधिकारी खुद ही कचरे में आग लगवा रहे हैं।
कचरे के साथ डस्टबिन तक जला दिए
जागरण की टीम ने शहर का दौरा किया तो दयाल ¨सह कॉलेज के सामने कचरे के ढेर में आग लगी थी। इसके अलावा बस स्टैंड के पीछे, रेलवे रोड, कैथल पुल के नीचे, न्यू प्रेम कॉलोनी की गलियों में, हांसी चौक के आस-पास के एरिया में कई जगह कचरे में आग लगाई गई थी। कैथल पुल से आगे पश्चिमी यमुना नहर के पास बनाए गए पार्क के पास तो आग से कचरे के लिए रखे गए प्लास्टिक के दोनों डस्टबिन तक जल गए।
बड़ा सवाल : आखिर कौन फूंक रहा कचरा
सवाल उठता है कि रात के अंधेरे में इस कचरे को आखिर कौन फूंक रहा है। निगम की मानें तो इसलिए लिए भी कमेटी बनाई है, लेकिन यह टीम अभी तक किसी को पकड़ नहीं पाई। हड़ताल पर बैठे कर्मचारी चाहते हैं कि शहर में अधिक से अधिक कचरा जमा हो। ताकि सरकार पर दबाव बढ़े और उनकी मांग मान ली जाए। जाहिर सी बात है कि वह तो ऐसा काम करेंगे नहीं, तो क्या कचरा उठाने वाले कर्मचारी ही नियम तोड़ रहे हैं। या फिर कोई शरारती तत्व ऐसा कर रहा है। यह सिलसिला रोकने की जिम्मेदारी निगम की है।
सवाल सांसों का, इसलिए तहकीकात और कार्रवाई करें
शहर के 20 वार्ड रोजाना 140 टन के करीब कचरा उगल रहे हैं। हड़ताल के बाद से ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में केवल 30 से 33 टन कचरा जा रहा है। यानि शहर में रोजाना 100 से 107 टन कचरा जमा हो रहा है। हालांकि बीते दो तीन दिनों से निगम सक्रिय जरूर हो गया, लेकिन पूरे कचरे का उठान नहीं हो रहा। पुराने कूड़े का उठान तो दूर की बात है। अब जिस तरह बड़े स्तर पर कचरे को जलाया जा रहा है वह सेहत के लिए घातक है। इसे नहीं रोका गया तो करनाल में सांस लेना दूभर हो जाएगा।
निगम ने ठेकेदारों को दिए नोटिस
शहर को तीन जोन में बांटकर 22 करोड़ सालाना में सफाई का ठेका दिया गया है। इसमें नाइट स्वी¨पग भी शामिल है। इसलिए सफाई कराने की पूरी जिम्मेदारी ठेकेदारों की बनती है। चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर महावीर सोढ़ी ने बताया कि ठेकेदारों को नोटिस जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया कि हड़ताल के दौरान शहर की सफाई के लिए उचित प्रबंध करें। कचरे में आग लगाने मामला भी उनके संज्ञान में है। इसकी जांच के लिए कमेटी बना दी है। ऐसा करने वालों पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
निगम खुद लगवा रहा आग : अशोक
नगर पालिका कर्मचारी संघ के राज्य उप प्रधान अशोक प्रोचा ने कहा कि निगम के अधिकारी खुद कचरे में आग लगवा रहे हैं। क्योंकि कचरे को प्लांट तक पहुंचाने में वह सक्षम नहीं हैं। हमे पता चला है कि इन्होंने कुछ कर्मचारियों की स्पेशल ड्यूटी लगाई गई है। यह रात के अंधेरे में इसे अंजाम देते हैं। बाद में शोर मचा दिया जाता है कि शरारती तत्व ऐसा कर गए। कोई बताएगा कि आज से पहले ऐसे आग क्यों नहीं लगी। जहां तक हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की बात है तो वह तो खुद चाहते हैं कि अधिक से अधिक कचरा फैले। वर्जन
जाटो गेट की तरफ कचरे का उठान नहीं हो पा रहा है। यहां कुछ लोग मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। यहां आगजनी के मामले सामने आए हैं। पुलिस फोर्स के साथ यहां से कचरा उठाया जाएगा।
राजीव मेहता, कमिश्नर, नगर निगम, करनाल