हड़ताल पर गए एनएचएम कर्मचारी, एंबुलेंस के थमे पहिये, स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ा
एनएचएम कर्मचारी मंगलवार को दो दिन की सांकेतिक हड़ताल पर चले गए। इससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई। जिले में 17 एंबुलेंसों के पहिये भी थम गए। हालांकि स्थिति को संभालने के लिए सिविल सर्जन की तरफ से अन्य स्टाफ की कंट्रोल रूम में तैनाती की गई, लेकिन स्थिति काबू में नहीं रही।
जागरण संवाददाता, करनाल : एनएचएम कर्मचारी मंगलवार को दो दिन की सांकेतिक हड़ताल पर चले गए। इससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई। जिले में 17 एंबुलेंसों के पहिये भी थम गए। हालांकि स्थिति को संभालने के लिए सिविल सर्जन की तरफ से अन्य स्टाफ की कंट्रोल रूम में तैनाती की गई, लेकिन स्थिति काबू में नहीं रही। एंबुलेंस बंद हो जाने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। पहले दिन की हड़ताल में एंबुलेंस का 80 कर्मचारियों का स्टाफ, 167 एनएनम, 133 जीएनएम, 60 कर्मचारी स्कूल हेल्थ, 30 लैब टेक्नीशियन, 30 इन्फरमेशन एसिस्टेंट व 30 एकाउंटेंट हड़ताल पर गए। सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना देकर रोष जाहिर किया। धरने पर एसोसिएशन के महासचिव गोपाल शर्मा ने धरने की अध्यक्षता करते हुए सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। हड़ताली कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
लोगों को हायर करनी पड़ी प्राइवेट एंबुलेंस
एंबुलेंस चालकों ने सुबह ही अस्पताल परिसर में सारी एंबुलेंस खड़ी कर दीं। जिस रोगी को अपने घर जाने में एंबुलेंस की जरूरत पड़ी उसे प्राइवेट एंबुलेंस किराए पर लानी पड़ी। गनीमत बस इतनी रही कि जिले में कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ जिस वजह से किसी तरह अस्पताल में कार्यरत नियमित कर्मचारियों ने व्यवस्था को संभाले रखा। हड़ताल के चलते टीबी विभाग, डिलीवरी विभाग, आइएमआर, सीपीआर, एमएमआर, टीएफआर, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, स्कूल व आंगनबाड़ी बच्चों के स्वास्थ्य जांच आदि का कार्य प्रभावित रहा।
अस्पताल में गूंजे सरकार मुर्दाबाद के नारे
एनएचएम एंप्लाइज एसोसिएशन हरियाणा के आह्वान पर सिरसा में कार्यरत कर्मचारी मंगलवार को हड़ताल पर रहे। जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 564 अनुबंधित कर्मचारी काम करते हैं। जिलेभर से अनुबंधित कर्मचारी एकत्रित हुए। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए गोपाल शर्मा ने कहा कि सरकार दमनकारी नीतियों पर उतर आई है। अब सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत 20 प्रतिशत कर्मचारियों को हटाने का मन बनाया है जिससे हजारों कर्मचारियों को अपना भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है।
ये हैं एसोसिएशन की मुख्य मांगे
1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत कर्मचारियों को सर्व शिक्षा अभियान की तर्ज पर नियमित करने की पॉलिसी तुरंत लागू की जाए।
2. सभी कर्मचारियों को वेतन हर महीने की सात तारीख को प्रदान करना सुनिश्चित करें।
3. सभी कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन प्रदान किया जाए।
4. सरकार भविष्य में किसी भी कर्मचारी को नौकरी से न निकाले।