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बैक्टीरिया से हुई थी मवेशियों की मौत, आया कहां से पता नहीं

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों को नौ दिन के बाद कुछ राहत मिली है लेकिन वैज्ञानिकों की टीम अभी रिजल्ट तक पहुंचने में नाकाम रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 08:31 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 08:31 AM (IST)
बैक्टीरिया से हुई थी मवेशियों की मौत, आया कहां से पता नहीं
बैक्टीरिया से हुई थी मवेशियों की मौत, आया कहां से पता नहीं

जागरण संवाददाता, करनाल

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राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों को नौ दिन के बाद कुछ राहत मिली है, लेकिन वैज्ञानिकों की टीम अभी रिजल्ट तक पहुंचने में नाकाम रही है। पशु क्यों बीमार हुए और मौत कैसे हुई इसका पता नहीं लग पाया है। टीमें अभी जांच कर रही हैं। यह स्थिति तब है जब एनडीआरआइ की पूरी टीम के साथ आइबीआरआइ बरेली, लुवास हिसार के साथ-साथ हरियाणा पशुपालन विभाग की टीम भी मवेशियों को बचाने में जुटी है। गुरुवार को पशुपालन विभाग की टीम ने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किए। बड़े स्तर पर किए जा रहे प्रयास से मामूली राहत जरूर मिली है, लेकिन यह अंतरिम नहीं है, क्योंकि जिस बैक्टीरिया के कारण मवेशी संक्रमित हो रहे हैं, मौत हुई हैं वह कहां से आया है और वह फैला कैसे इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। संस्थान की तरफ से दावा किया जा रहा है कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में होगी। हर रोज मिली रिपोर्ट पर काम करेगी अनुसंधान परिषद

एनडीआरआइ में लगातार मर रहे पशुओं से बनी भयावह स्थिति को लेकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। आइसीएआर के डीजी कार्यालय की तरफ से एनडीआरआइ के निदेशक को निर्देश दिए गए हैं कि रोजाना की अपडेट उपलब्ध कराई जाए। निदेशक कार्यालय में कम पशुशाला में ज्यादा व्यस्त

आइसीएआर की ओर से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. आरआरबी सिंह पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। उनका कार्यालय में कम और पशुशाला में अधिक समय बीत रहा है। वैज्ञानिकों से पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं।


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