करनाल की नवनिधि बनी मिसेज एशिया वुमन ऑफ यूनिवर्स
करनाल की बेटी नवनिधि वधवा ने मिसेज एशिया वुमन ऑफ यूनिवर्स का खिताब जीता है। इस तरह उन्होंने मिसेज वर्ल्ड वुमन यूनिवर्स के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
जेएनएन, करनाल। शहर की बेटी नवनिधि वधवा ने मिसेज एशिया वुमन ऑफ यूनिवर्स बनकर जिले व प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्हें यह खिताब मुंबई में आयोजित प्रतियोगिता में मिला। इस खिताब के साथ ही उन्होंने मिसेज वर्ल्ड वुमन यूनिवर्स के लिए क्वालीफाई कर लिया है। इससे पहले वह मिसेज इंडिया भारत आइकॉन में सेकेंड रनरअप रह चुकी हैं।
मिसेज वर्ल्ड वुमन यूनिवर्स के लिए किया क्वालीफाई
करनाल के सेक्टर आठ की रहने वाली नवनिधि वधवा का विवाह 15 साल पहले कैथल निवासी संदीप वधवा के साथ हुआ था। फिलहाल वह मुंबई में रह रही हैं। उनकी दो बेटियां हैं। 12 वर्ष की नायशा और आठ साल की दुनयाशा। छोटी बेटी के जन्म के समय कोई दवा रिएक्शन कर गई। इससे उनका वजन बढ़कर 86 किलोग्राम हो गया। बढ़े वजन का उनके व्यक्तित्व पर असर पड़ा। इसके बाद उन्होंने न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग का कोर्स किया। अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ा। मेडिटेशन भी करना शुरू करते हुए 35 किलोग्राम वजन कम किया।
शांति, कल्याण व मेडिटेशन की ब्रांड एंबेसडर भी
नवनिधि के कार्यों को देखते हुए कई सामाजिक संस्थाओं ने उनके अनुभवों को साझा किया। कई एनजीओ ने भी अपना ब्रांड एंबेसडर भी बनाया। इनमें उन्हें शांति, कल्याण व मेडिटेशन का दूत बनाया गया।
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विशेष आवश्यकता वालों बच्चों के लिए बनाई 'पंख' संस्था
नवनिधि वधवा सामाजिक सरोकारों के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं। इसी वजह से उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए 'पंख' नाम से सामाजिक संस्था बनाई है। इस संस्था के माध्यम से वह इन बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का कार्य कर रही हैं।
समाज के नाम किया जीवन
नवनिधि वधवा दिल्ली ने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया हुआ है। वह कहती हैं कि विद्यार्थी जीवन के समय ही उनका झुकाव समाजसेवा की ओर था। वह मानती हैं कि व्यस्त जीवन में समाजहित में कुछ समय जरूर निकालना चाहिए। उनके आगे बढऩे में परिजनों का सहयोग रहा है। वह समाजहित में भविष्य में लगातार कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी सोच के साथ पंख संस्था का गठन किया गया है।
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