बच्चों को पढ़ाया ही नहीं, उनकी पहली पसंद बने 10 शिक्षकों को नेशन बिल्डर्स अवार्ड
केवल ब'चों को पढ़ाना ही शिक्षक का काम नहीं है। पढ़ाने का भी ऐसा नजरिया होना चाहिए, जिसे ब'चे पसंद करते हो। हां, अगर ब'चे शिक्षक को पसंद करते हैं तो वह उसकी सफलता है।
जागरण संवाददाता, करनाल : केवल बच्चों को पढ़ाना ही शिक्षक का काम नहीं है। पढ़ाने का भी ऐसा नजरिया होना चाहिए, जिसे बच्चे पसंद करते हो। हां, अगर बच्चे शिक्षक को पसंद करते हैं तो वह उसकी सफलता है। शहर के पांच सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी कुछ इसी तरीके से बच्चों को पढ़ा रहे थे। जिन्हें पता भी नहीं था कि उनके पढ़ाने का तरीका इतना अच्छा है। बुधवार को जब उन्हें नेशन बिल्डर्स अवॉर्ड मिला तो चेहरा खुशी से खिल उठा। यह समारोह करनाल क्लब में इनर व्हील क्लब की ओर से आयोजित हुआ था। कार्यक्रम में यह अवॉर्ड पांच सरकारी स्कूल के अलावा पांच निजी स्कूल ¨प्रसिपल व शिक्षकों को भी मिला।
बच्चों ने बताई टीचर की खूबी
अवॉर्ड देने के लिए इनर व्हील क्लब की ओर से शहर के सरकारी स्कूलों में एक सर्वे कर टीचरों का चयन किया। पिछले सप्ताह ही इसके लिए क्लब के सदस्यों ने स्कूल में विजिट किया और बच्चों से उनके बेस्ट टीचर के बारे में जानकारी जुटाई। किसी ने टीचर की नेचर के बारे में बताया तो किसी ने उसके पढ़ाने के ढंग को सराहा। बस इसी आधार पर जिस टीचर को बच्चों ने ज्यादा पसंद किया उन्हें क्लब की ओर से अवॉर्ड से नवाजा गया।
हम बच्चों की पहली पसंद, यही है सफलता हमारी
अवॉर्ड मिलने के बाद जागरण से बातचीत में सरकारी स्कूल की टीचर नीलम शर्मा और आशा मित्तल ने बताया कि अवॉर्ड के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। कार्यक्रम से दो दिन पहले स्कूल ¨प्रसिपल ने उन्हें इससे अवगत कराया तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। उन्होंने बताया कि बच्चे हमें अवॉर्ड के लिए नोमिनेट कर रहे हैं, यही हमारी सफलता है।
ये हुए सम्मानित
कार्यक्रम में सहोदय स्कूल कांप्लेक्स के अध्यक्ष और ¨प्रसिपल डॉ. राजन लांबा, वयोवृद्ध शिक्षक एसपी मोदी, एसपी मेहता, मंजू भारद्वाज, प्रकाश पब्लिक स्कूल के ¨प्रसिपल सुशील राणा व जीजीएसएसएस रेलवे रोड सोशल स्टडी की शिक्षिका नीलम शर्मा, जीएसएसएस रेलवे रोड से साइंस टीचर आशा मित्तल, जीपीएस सेक्टर सात से सुनीता, जीपीएस सेक्टर-13 से फूलवती और जीएमएस घरौंडा की टीचर राजबाला को नेशन बिल्डर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
गुरु का महत्व मां-बाप से भी ज्यादा : सरोज बाला गुर
कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंची शिक्षा विभाग की डिप्टी डायरेक्टर सरोज बाला गुर ने कहा है कि जीवन में गुरु का सबसे ज्यादा महत्व है। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में शिक्षक का महत्व मां-बाप से भी ज्यादा है। भगवान को पाने के लिए गुरु की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि जीवन में शिक्षक खुद जलकर दूसरों को रोशनी देता है। इसी लिए टीचर को नेशन बिल्डर्स भी कहा जा सकता है। वहीं कार्यक्रम में डिप्टी डीईओ सपना जैन ने भी विशेष रूप से शिरकत कर शिक्षकों को सम्मानित किया।
यह है संस्था का लक्ष्य
कार्यक्रम में इनर व्हील क्लब की अध्यक्ष सुमन चौधरी ने बताया कि इनर व्हील क्लब 5 हजार टीचर्स को एनिमेंटरी टीचर्स के रूप में पहचान दिला रही है। इस साल 10 हजार ई-लर्निग सेंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा देशभर में कार्यरत महिलाओं की इस संस्था का एक लाख निरक्षर व्यस्कों को शिक्षित करने का लक्ष्य है। जिसे जून 2019 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा देश के 1 हजार स्कूलों को हैप्पी स्कूल बनाया जाएगा। इस अवसर पर बब्बल कपूर, निधि चौधरी, मृदला सूद, सुषमा वर्मा, पूनम मुक्कल, राज रानी मुक्कल, मीनू ¨सगला व सुरेंद्र मोहन गाबा मौजूद रहे।