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नगर निगम ने तीन डेयरियों को किया सील, पांच डेयरियों से पशुओं को कब्जे में लिया

डेयरी शिफ्टिग मामले में रूचि ना दिखाने वाले डेयरी संचालकों के खिलाफ मंगलवार को नगर निगम ने शहर के विभिन्न एरिया में डेयरियों को सील करने की कार्रवाई की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 01:28 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 06:20 AM (IST)
नगर निगम ने तीन डेयरियों को किया सील, पांच डेयरियों से पशुओं को कब्जे में लिया
नगर निगम ने तीन डेयरियों को किया सील, पांच डेयरियों से पशुओं को कब्जे में लिया

जागरण संवाददाता, करनाल : डेयरी शिफ्टिग मामले में रुचि ना दिखाने वाले डेयरी संचालकों के खिलाफ मंगलवार को नगर निगम ने शहर के विभिन्न इलाकों में डेयरियों को सील करने की कार्रवाई की। सेक्टर-12, रमेश नगर, हांसी रोड, इब्राहिम मंडी और जाटो गेट में अवैध रूप से चलाई जा रही डेयरियों के खिलाफ यह कदम उठाया गया। तीन डेयरियों को सील किया गया और पांच में मौजूद 11 पशुओं को कब्जे में लिया गया। इनमें चार गाय, छह भैंस व एक-एक कटड़ा व बछड़ा शामिल हैं। कब्जे में लिए गए सभी पशुओं को प्रेमनगर स्थित सामुदायिक केन्द्र में बनाए गए अस्थाई बाडे़ में रखा गया है। बाडे़ में चारे व पानी की समुचित व्यवस्था के साथ होमगार्ड तथा पशुपालन विभाग के डाक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। कब्जे में लिए गए सभी पशुओं को टैग लगाए गए हैं, ताकि उनकी पहचान बनी रहे। उन्होंने बताया कि जो डेयरी मालिक अपने पशु छुड़वाना या वापिस लेना चाहता है उसे 5000 रुपये प्रति पशु जुर्माना भरना पड़ेगा।

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इससे पहले सात जुलाई को भी निगम की ओर से 12 डेयरियों को सील कर उनमें रखे गए 15 पशुओं को कब्जे में लिया गया था। उपायुक्त एवं निगम के आयुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि निगम टीम की ओर से डेयरियों के खिलाफ सीलिग करने की कार्रवाई सुबह साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुई, जो शाम पांच बजे तक जारी रही। टीम के सामने किसी का विरोध नहीं चला। निगम के संयुक्त आयुक्त गगनदीप सिंह के नेतृत्व में निगम के कार्यकारी अधिकारी दीपक सूरा, सचिव बाल सिंह, मुख्य सफाई निरीक्षण महावीर सोढी व सुरेन्द्र चोपड़ा के अतिरिक्त सफाई निरीक्षक, सहायक सफाई निरीक्षक, दो भवन निरीक्षक व कुछ कर्मचारी शामिल रहे।

संयुक्त निगमायुक्त ने बताया कि सारी कार्रवाई नगर निगम आयुक्त के आदेश पर की गई है। इस बारे डेयरी शिफ्टिग के लिए बनाए गए नियम व शर्तें ना मानने वाले डेयरी संचालकों को पहले ही कुछ दिन की मोहल्लत देकर आवेदन के साथ धरोहर राशि और डेयरी प्लॉट अलॉटमेंट की 20 फीसद राशि निगम कार्यालय में जमा करवाने के लिए सूचित किया गया था। कुछ डेयरी मालिकों ने किसी प्रकार की रुचि नहीं दिखाई। इसलिए उनके खिलाफ डेयरी सील करने जैसी कार्रवाई करनी पड़ी।


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