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नगर निगम की अनदेखी से सूख रहे डिवाइडर पर लगे पौधे

करनाल के डिवाइडरों पर लगे पौधों के रखरखाव को नजरअंदाज करने में लगे अधिकारी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 05:00 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:11 AM (IST)
नगर निगम की अनदेखी से सूख रहे डिवाइडर पर लगे पौधे
नगर निगम की अनदेखी से सूख रहे डिवाइडर पर लगे पौधे

जागरण संवाददाता, करनाल : शहर के डिवाइडरों पर लगे पौधों के रखरखाव को नजरअंदाज करने से सूखने लगे हैं। पानी न मिलने के कारण मुरझाए पौधे नगर निगम के अधिकारियों की कमजोर कार्यप्रणाली का प्रमाण दे रहे हैं। वन विभाग की ओर से श्रीमद्भागवदगीता द्वार पर पौधारोपण बेशक प्रकृति को रास आ रहा है, लेकिन निगम के अधिकारी अपनी व्यस्त कार्यप्रणाली में पौधों को पानी देने की योजना बनाना भूल गए। बरसात के मौसम में बेशक प्रकृति ने इन पौधों को संभाला लेकिन पिछले दो माह से हरियाली की देखभाल के लिए कर्मचारी तैनात नहीं किए जा रहे हैं। आंबेडकर चौक व मीनार रोड पर अधिकारियों की आवाजाही के कारण सुबह निगम का ट्रैक्टर-टैंकर पौधों को पानी देता दिखाई देता है लेकिन सेक्टर-12-13 रोड, डीसी कार्यालय के सामने, सेक्टर-12 से अस्पताल रोड, मुगल केनाल मार्केट, अग्रसेन चौक से बस स्टैंड, रामनगर, प्रेमनगर, हांसी रोड पर डिवाइडरों पर सूखे पौधे पानी को तरस गए हैं।

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हरियाली के साथ नाइंसाफी

स्मार्ट सिटी की सड़कों की हरियाली कायम रखने के लिए पानी अनिवार्य है और इसके लिए निगम के अधिकारियों ने केवल एक ट्रैक्टर-कैंटर रखा हुआ है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण के जिम्मेदार अधिकारियों के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। शहर में तीन लाख से अधिक पौधे नगर निगम के हिस्से में हैं। वन अधिकारी नरेश कुमार रंगा की मानें तो पौधों को पानी की लगातार जरूरत पड़ती है। शहर के डिवाइडरों पर लगे पौधों को पूरा दिन वाहनों का प्रदूषण झेलना पड़ता है और ग्राउंड स्तर पर पानी मिलने की उम्मीद कम होती है। इसलिए सड़क किनारे लगे पौधों को रोजाना पानी चाहिए। लाखों खर्च के बावजूद योजनाएं फ्लाप : अरोड़ा

पर्यावरण संरक्षण समिति के अध्यक्ष एसडी अरोड़ा ने बताया कि निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली किसी से छिपी नहीं है। उपायुक्त के पास एडिश्नल चार्ज होने के कारण कर्मचारियों को जरूरी फाइलों के लिए लघु सचिवालय जाना पड़ता है। शहर के सुंदरीकरण की चिता संभव नहीं है। कुछ दिन पहले निगम को स्थाई कमिश्नर मिला है, शायद अब पौधों को मरने से बचाया जा सके। निगम ने लाखों रुपये देकर ठेकेदारों से पौधारोपण करवाया लेकिन पार्कों के अलावा डिवाइडरों और मुगल कैनाल में पौधे पानी को तरस रहे हैं। उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर पौधों के संरक्षण की मांग की गई है। दिन में दो बार पौधों को पानी देने की बजाए एक बार भी छिड़काव नहीं किया जा रहा है।

हरियाली पर गंभीर नहीं जनप्रतिनिधि

20 वार्डों के जनप्रतिनिधि भी अपने-अपने क्षेत्रों में हरियाली को कायम रखने में नाकाम साबित हो रहे हैं। प्रत्येक वार्ड के पार्क में गंदगी का आलम है। विकास के नाम पर सुर्खियां बटोरने वाली बैठकों में पौधे लगाने वाली योजनाएं शामिल न करने के कारण पर्यावरण संरक्षण हाशिए पर है। पौधे सूखने पर फिर से लगाने में और खर्च करना पड़ता है। इनके संरक्षण पर सब खामोश हैं।

जल्द लगाएंगे दूसरा ट्रैक्टर-कैंटर : त्यागी

निगम के बागवानी अधिकारी नरेश त्यागी ने बताया कि रोजाना सड़कों के किनारे डिवाइडरों पर लगे पौधों को पानी देने के लिए एक ट्रैक्टर-कैंटर लगाया गया है। एरिया बड़ा होने के कारण दूसरे ट्रैक्टर-कैंटर को जल्द लगाएंगे। किसी जगह पौधे मुरझा रहे हैं तो वहां भी कैंटर लगाया जाएगा। सेक्टर-12 की सड़क पर लगे पौधों को पानी दिया जा रहा है। मुगल कैनाल में मंगलवार को कैंटर भेजेंगे। मेयर रेणु बाला गुप्ता ने बताया कि शहर के सुंदरीकरण और पर्यावरण के लिए पौधारोपण जरूरी है। शिक्षण संस्थाओं व पर्यावरण संरक्षण सोसाइटी के सदस्यों से चर्चा करते हैं। सूखे पौधों की संभाल के लिए अधिकारियों से चर्चा करेंगे।


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