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मुफ्त लड़ते थे गरीबों के केस, दलितों को दिलाया पानी भरने का हक

जागरण संवाददाता करनाल हरियाणा के गांधी कहलाने वाले स्वतंत्रता सेनानी बाबू मूलचंद जैन की

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 06:13 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 06:13 AM (IST)
मुफ्त लड़ते थे गरीबों के केस, दलितों को दिलाया पानी भरने का हक
मुफ्त लड़ते थे गरीबों के केस, दलितों को दिलाया पानी भरने का हक

जागरण संवाददाता, करनाल : हरियाणा के गांधी कहलाने वाले स्वतंत्रता सेनानी बाबू मूलचंद जैन की पुण्यतिथि 12 सितंबर को है। वह ऐसे महान शख्स थे, जो गरीबों और भूमिहीन किसानों से जुड़े मामलों में मुफ्त वकालत करते थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया, जेलें काटीं। आजादी के बाद विधानसभा व लोकसभा सदस्य और कैबिनेट मंत्री बने। दलितों को उच्च वर्ग के कुएं से पानी दिलाने के लिए उन्होंने पुरजोर संघर्ष किया और ऐसा कराकर ही माने। बाबू मूलचंद का जन्म 20 अगस्त, 1915 को गोहाना के गांव सिकंदरपुर माजरा में हुआ था। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा बताते हैं कि वह मौजूदा शैक्षिक ढांचे में व्यापक बदलाव के पक्षधर थे। 1989 में उनके प्रयासों से सरकार ने सार्वजनिक पुस्तकालय अधिनियम बनाया। बाबूजी के भतीजे हरीशचंद्र जैन बताते हैं कि उनके कार्यों से प्रेरणा लेकर लाला मुरारीलाल मूलचंद जैन चैरिटेबल ट्रस्ट सामाजिक भलाई में अनवरत सक्रिय है। ------------------------

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गरीब, मुजारों और दलितों के हमदर्द

बाबू मूलचंद गरीबों व मुजारों की वकालत मुफ्त करते थे। 1948 से 1952 तक साप्ताहिक समाचार-पत्र बलिदान में उन्होंने इन वर्गों के लिए खूब लिखा। उन्होंने भूमिहीन मुजारों को 5-5 एकड़ भूमि दिलवाने के लिए आंदोलन किया। वह छूआछूत समाप्त करना चाहते थे। गांव में उच्च वर्ग के कुएं से दलितों को पानी भरने नहीं दिया जाता तो उन्होंने संघर्ष किया और यह हक दिलाकर ही दम लिया। -----------------

मूर्ति का अनावरण आज

12 सितंबर 1997 को करनाल में उनका देहांत हुआ। अगस्त 2015 में हरियाणा सरकार ने करनाल आइटीआइ का नाम बाबू मूलचन्द जैन आइटीआइ रखा। 12 सितंबर को यहां उनकी मूर्ति का अनावरण उपायुक्त निशांत यादव करेंगे।


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