माधो राम शर्मा के बाद भाटिया बने पानीपत से सांसद
48 साल बाद पानीपत जिले से करनाल संसदीय क्षेत्र का सांसद बना है। इससे पहले माधोराम शर्मा बने थे।
जागरण संवाददाता, करनाल
पानीपत जिले में 48 साल बाद सांसद का पद गया है। 1971 में कांग्रेस के माधो राम शर्मा चुनाव जीते थे। इसके बाद से इस जिले से किसी भी नेता को सांसद बनने का अवसर नहीं मिला। अब संजय भाटिया अपने शहर में सांसद का पद लेकर आए हैं। उनकी जीत ने सीएम मनोहर लाल के फैसले को भी पूरी तरह से सही साबित कर दिया। हालांकि शुरूआत में संजय भाटिया को टिकट दिए जाने को लेकर अंदरखाते विरोध सामने आया था, लेकिन संगठनात्मक स्तर पर इस विरोध को बेहद तेजी से समाप्त कर दिया गया।
करनाल लोकसभा के लिए 17 बार सांसद अब से पहले चुने जा चुके हैं, जिसमें से दो बार ही पानीपत शहर से किसी नेता को सांसद बनने का अवसर मिला।
कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 1967 और फिर 1971 में माधो राम शर्मा सांसद चुनाव जीते। शर्मा वह पानीपत के रहने वाले थे और उद्योगपति अविनाश पालीवाल के ताऊ थे। इसके बाद 1991 भाजपा से फतेहचंद विज को करनाल लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया था। लेकिन विज 81780 वोट लेकर चौथे स्थान पर रहे थे।
इस चुनाव से पहले पार्टी और सीएम मनोहर लाल ने संजय भाटिया पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट थमाया। हालांकि करनाल से कई नेता टिकट की रेस में शामिल थे। इनमें प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल प्रमुख थे। अलबत्ता भाटिया को तवज्जो दी गई। भाटिया ने भी सीएम का भरोसा कायम रखा और टिकट नहीं मिलने से नाराज हुए नेताओं को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाटिया की पहल की वजह से नेताओं की नाराजगी भी दूर हो गई।
पहले ही कह दिया था कि जनता के पास ही रहूंगा
संजय भाटिया ने टिकट मिलने के बाद ही यह कहा था कि वह जनता के बीच में ही रहकर काम करेंगे। यदि वह करनाल में नहीं होंगे तो उस समय उनकी पत्नी यहां रहकर लोगों की सेवा करेंगी। वह करनाल व पानीपत की जनता के बीच में नियमित रहेंगे। जब वह करनाल होंगे तो उस समय पानीपत में उनकी पत्नी जनता की सेवा में रहेगी।