Move to Jagran APP

निगम की व्यवस्था पर भारी सफाई ठेकेदार, रवैया अड़ियल, अधिकारी लाचार

जागरण संवाददाता, करनाल: 27 करोड़ रुपये का ठेका देने के बाद भी शहर गंदा क्यों? यह सवाल

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 01:36 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 01:36 AM (IST)
निगम की व्यवस्था पर भारी सफाई ठेकेदार, रवैया अड़ियल, अधिकारी लाचार
निगम की व्यवस्था पर भारी सफाई ठेकेदार, रवैया अड़ियल, अधिकारी लाचार

जागरण संवाददाता, करनाल: 27 करोड़ रुपये का ठेका देने के बाद भी शहर गंदा क्यों? यह सवाल शहर के आम आदमी से लेकर सीएम मनोहर लाल का भी है। इसकी वजह भी है। जगह-जगह गंदगी के ढेर। सफाई कर्मचारियों की मनमर्जी ऐसी कि जब मन होता है तभी काम पर आते हैं। सड़कों, गलियों, सेक्टर समेत हर जगह गंदगी फैली हुई है। साफ-सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये कमा रहे ठेकेदार अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि निगम में सफाई के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है। इसकी विजिलेंस जांच होनी चाहिए। स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर अनाप-शनाप खर्च हो रहा है। इसकी कोई जांच नहीं हो रही। लोगों के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। हर माह दो करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च करने के बाद भी यदि यहीं गंदगी मिलनी है तो फिर इस खर्च का फायदा ही क्या? शहर के लोगों की मांग है कि यदि गंदगी से मुक्ति नहीं दिला सकते तो स्वच्छता सर्वेक्षण का ड्रामा भी न किया जाए। क्यों आ रही दिक्कत

prime article banner

1: तय संख्या से कम सफाई कर्मचारी

कागजों में 1200 से 1300 कर्मचारी काम कर रहे हैं। ठेकेदार पैसे बचाने के चक्कर में कर्मचारियों की संख्या कम रखते हैं। कम कर्मचारी तो कम काम। गंदगी की यह सबसे बड़ी वजह है। कई इलाके तो ऐसे हैं जहां कई-कई दिन तक कर्मचारी आते ही नहीं।

क्यों हो रहा है ऐसा?

दरअसल, निगम के अधिकारी जांच ही नहीं करते। जब एक तयशुदा रकम ठेकेदारों को सफाई कर्मचारियों के नाम पर दी जा रहीं है तो यह सुनिश्चित क्यों नहीं कराया जा रहा कि पूरे सफाई कर्मचारी काम पर आएं। जो पैसा सफाई कर्मचारी के वेतन पर खर्च होना चाहिए, वह ठेकेदार की जेब में जा रहा है। 2: काम की कोई जांच नहीं

सफाईकर्मियों का ध्यान सिर्फ उन इलाकों पर ही फोकस है, जहां ऑफिसर हैं। बाकी जगह साफ-सफाई का निरीक्षण तक नहीं किया जाता। कोई ऐसा सिस्टम ही नहीं है जिससे यह पता चल सके कि कहां सफाई हुई, कहां सफाई कर्मचारी आया ही नहीं।

ऐसा इसलिए हो रहा है

दरअसल, निगम के जिम्मेदार लोग ठेकेदार पर भरोसा कर बैठे हैं कि सब ठीक चल रहा है। इससे ठेकेदारों को मनमानी करने का पूरा मौका मिल रहा है। यदि नियमित निरीक्षण हो तो पता चल सकता है कि कहां साफ-सफाई हो रही, कहां नहीं?

3: लोगों की शिकायत पर ध्यान नहीं

हुडा सेक्टर आठ निवासी विकास, दीपक, संतोष मॉडल टाउन निवासी रामकुमार, हरपाल बांसो गेट निवासी सतपाल समेत कई लोगों ने बताया कि निगम में यदि वे साफ सफाई न होने की शिकायत करते हैं तो उनकी बात को सुना ही नहीं जाता। जब कार्रवाई ही नहीं हो रही, तो उन्होंने शिकायत करना भी छोड़ दिया है।

ऐसा इसलिए क्योंकि..

निगम में ऐसा सिस्टम ही विकसित नहीं किया गया जहां आम आदमी की शिकायत को गंभीरता से लिया जाए। अव्वल तो निगम का फोन नंबर ही नहीं मिलता। यदि मिल भी गया तो सुनने वाला अनमने ढंग से शिकायत सुनता है। अधिकारी सिर्फ ठेकेदारों को नोटिस देने में व्यस्त

नगर निगम के सफाई जोन नंबर दो के ठेकेदार महेंद्र सिहाग व जोन नंबर एक के ठेकेदार कुनाल मदान के क्षेत्र में सफाई व्यवस्था सबसे लचर है। इस वजह से दोनों ठेकेदारों को नोटिस दिया गया है। हालांकि, नोटिस के बाद भी इनके काम करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं आया है। आरटीआई एक्टिविस्ट रामकुमार ने बताया कि अधिकारी खुद को बचाने के लिए ठेकेदार को नोटिस देकर यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे एक्शन ले रहे हैं। जबकि यह नोटिस दिखावा भर है। इस खामी पर ठेकेदारों का ठेका रद कर देना चाहिए। इधर निगम के कमिश्नर राजीव मेहता ने बताया कि सफाई निरीक्षक सुरेंद्र चोपड़ा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई कि वह आकलन करें कि किस-किस ठेकेदार पर कितना जुर्माना बन रहा है। निरीक्षण नहीं अब एक्शन का वक्त है

नगर निगम आयुक्त राजीव मेहता ने कहा कि वीरवार को सुबह उन्होंने उचाना, कैलाश, बसंत विहार व बागपति गांव का दौरा किया। इन जगहों पर सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं थी। गलियों में गंदगी थी। नालियों की सफाई भी नहीं की जा रही थी। कैलाश गांव की स्थिति बदतर थी। उन्होंने संबंधित ठेकेदार पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। गंदगी दिखे तो वाट्सएप करें

नगर निगम आयुक्त राजीव मेहता ने लोगों से अपील की कि यदि शहर में कहीं भी गंदगी के ढेर दिखाई दें तो इसकी फोटो खींचकर और जगह का पता लिखकर उनके वाट्सएप नंबर 9813380101 पर भेज दें। गंदगी का उठान तुरंत सुनिश्चित कराया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.