आठ महीने से नारी निकेतन में रह रही थी नाबालिग
रोहतक में कोर्ट के बाहर गोलीकांड में मारी गई नाबालिग आठ महीने से करनाल के नारी निकेतन में रही थी।
जागरण संवाददाता, करनाल : रोहतक में कोर्ट के बाहर गोलीकांड में मारी गई नाबालिग आठ महीने से करनाल के नारी निकेतन में रही थी। स्वभाव लगभग सामान्य था लेकिन परिजनों को लेकर कभी खुलकर बात नहीं की। न ही कभी किसी रिश्तेदार से मिलने की इच्छा जताई। बीते एक महीने में कई बार पुलिस के साथ रोहतक कोर्ट में जा चुकी थी। बुधवार सुबह भी एक महिला कांस्टेबल सुशीला व एसआइ नरेंद्र के साथ रोहतक के लिए रवाना हुई। नारी निकेतन के स्टाफ ने भी नही सोचा था कि वह अब लौटकर नहीं आएगी।
साले की लड़की को लिया था गोद
24 अगस्त 2017 को रोहतक के सिटी थाने में पिता ने नाबालिग की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें पिता ने बताया था कि नाबालिग उसके साले की लड़की थी। दो साल की उम्र में ही उन्होंने इसे गोद ले लिया था। स्कूल के सभी सर्टिफिकेट में पिता की जगह उसका ही नाम दर्ज है। इस शिकायत में नाबालिग को गुम करने पर गद्दी खेडी के निवासी युवक पर शक भी जताया गया था। शिकायत में बताया गया था कि 12वीं पास नाबालिग का जन्म 14 जून 2000 में हुआ था।