मैथ के असिस्टेंट प्रोफेसर को प्यार का फार्मूला भारी पड़ा, 'लव गुरु' पर गिरी यह गाज
करनाल के महिला कॉलेज के एक असिस्टेंट प्रोफेसर को कक्षा में लव फार्मूला सिखाना बहुत भारी पड़ गया है। इसका वीडियो वायरल होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है।
करनाल, जेएनएन। शहर के एक गर्ल्स कॉलेज में गणित के असिस्टेंट प्रोफेसर को क्लास में 'लव फार्मूला' समझाना बेहद भारी पड़ गया है। 'लव गुरु' बने इस असिस्टेंट प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया गया है। असिस्टेंट प्रोफेसर कक्षा में गणित पढ़ाने की जगह छात्राओं को 'लव फार्मूला' समझा रहा था। किसी छात्रा ने इसका वीडियो बना लिया और फिर यह वायरल हो गया। उच्च शिक्षा विभाग के एसीएस अनिल कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर को निलंबित करने का अादेश जारी किया है।
मामला शहर के रेलवे रोड स्थित गवर्नमेंट वूमैन कॉलेज है। असिस्टेंट प्रोफेसर की कक्षा वाला यह वीडियो सोशल मीडिया खूब वायरल हुआ। इसमें बीकॉम फस्ट ईयर की मैथ की क्लास में गुरुजी प्यार के फार्मूले समझा रहे थे। छात्राओं ने इसका वीडियो बनाया और प्रिंसिपल को दिया। आरोप है कि प्रिसिपल भी जांच के नाम पर मामले को लटकाती रही। असिस्टेंट प्रोफेसर ने कक्षा में छात्राओं को 'प्यार के फॉर्मूले' बकायदा बोर्ड पर लिखकर समझाए।
लाेेगों ने कहा- मामले के खुलासे के पहले दिन ही सस्पेंड होना चाहिए था, बचाया क्यों गया?
शहर के लोगों में इस घटना पर काफी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि कालेज लड़कियों का है और एक टीचर ने एसी हरकत की। उसने लड़कियों के बीच में 'लव के फार्मूले' बोर्ड पर लिख कर समझाए। टीचर का यह रवैयाबेहद गंभीर है और मामले का पता चलने के बाद भी प्रिंसिपल ने इस पर पर्दा डालने की कोशिश की। मामले का खुलासा होने के दिन ही उसे सस्पेंड क्यों नहीं किया गया।
ब्लैकबोर्ड पर लव फामूला लिखता असिस्टेंट प्रोफेसर।
बताया जाता है मामले की जांच के नाम पर एक कमेटी का गठन कर दिया गया। कमेटी ने टीचर को क्लीनचिट देने की तैयारी कर ली थी। दावा किया जा रहा था कि उसने माफी मांग ली है। प्रिसिपल डॉ. अनुराधा पुनिया ने बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से जारी पत्र के आधार पर प्राध्यापक को सस्पेंड कर दिया गया है। जो भी जांच होगी वह अब विभागीय स्तर पर होगी। मामला संज्ञान में आते ही हमने संबंधित प्राध्यापक की क्लास बदल दी थी।
प्रिंसिपल के खिलाफ भी होनी चाहिए कार्रवाई
महिला अधिकार कार्यकर्ता और पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय की एडवोकेट आरती ने बताया कि इस मामले में ङ्क्षप्रसिपल की भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं। आखिर टीचर को इतने दिन बचाया ही क्यों गया? यह भी जांच होनी चाहिए कि एक ही शहर में वह यहां डेपुटेशन पर कैसे और क्यों आया? ऐसी क्या मजबूरी थी? प्रिंसिपल को चाहिए था कि पहले ही दिन टीचर पर सख्त कार्रवाई होती। लड़कियों के कालेज में कोई टीचर इस तरह की हरकत करें, उसे बचाया जाए, तो यहीं समझा जाएगा कि कहीं ना कहीं इसमें ङ्क्षप्रसिपल की मिलीभगत है।