कायम रखें आपसी सौहार्द की भावना: जांगड़ा
विभिन्न देशों में आपसी समन्वय और सामंजस्य स्थापित करने के लिए 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई थी ताकि युद्ध जैसी स्थिति को बातचीत के माध्यम से हल किया जा सके। इस संकल्प की गरिमा सभी को मिलकर कायम रखनी चाहिए।
जागरण संवाददाता, करनाल: विभिन्न देशों में आपसी समन्वय और सामंजस्य स्थापित करने के लिए 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई थी ताकि युद्ध जैसी स्थिति को बातचीत के माध्यम से हल किया जा सके। इस संकल्प की गरिमा सभी को मिलकर कायम रखनी चाहिए।
ये विचार रविवार को संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर पर नगराधीश अभय सिंह जांगड़ा ने लघु सचिवालय की छत पर संयुक्त राष्ट्र का ध्वज फहराने के उपरान्त व्यक्त किए। उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों से संवाद में उन्होंने कहा हम सभी को इस मौके पर आपसी सौहार्द की भावना को मजबूत करने के लिए संकल्प लेने की जरूरत है। जिस उद्देश्य को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई थी उसके पीछे मानवता और प्राणी मात्र को सुरक्षित रखने की भावना थी लेकिन आज भी विश्व स्तर पर विभिन्न देशों में असुरक्षा की भावना व्याप्त है। साफ है कि यूएनओ को अपने आधारभूत सिद्धान्तों को पूर्ण रूप से लागू करवाने में और बेहतर प्रयासों की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में विश्व में दो महायुद्ध हुए जो आज भी मानवता के लिए दु:खदायी हैं। इनके बाद कई देशों के आपसी युद्ध हुए जिनसे व्यक्ति और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ। आपसी सौहार्द की भावना की कमी से नफरत पैदा हुई। उन्होंने कहा कि युद्ध कैसा भी हो इसके परिणाम घातक ही रहे हैं। युद्ध से पहले और इसके बाद की स्थिति हमेशा खौफनाक रही है। ऐसे में 20वीं सदी में विनाश रोकने के लिए लीग आफ नेशन्स की स्थापना 1920 में की गई थी। 24 अक्टूबर 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई। तब से यूएनओ दिवस मनाया जाता है।
सीटीएम ने कहा कि विश्व स्तर पर मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध, सहयोग, समन्वय, समानता जैसे सिद्धान्त तभी कायम रह सकते हैं, जब बुराईयां और कुरीतियां समाप्त होंगी। इस मौके पर एएसआई बिजेन्द्र कुमार, एएसआई कर्मबीर, गौरव कुमार व संदीप सहित अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।