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मैडम! बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहे, नहीं हो रही कार्रवाई

मैडम बेटी को न्याय दिलाने के लिए करीब एक माह से भटक रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 08:10 AM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 08:10 AM (IST)
मैडम! बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहे, नहीं हो रही कार्रवाई
मैडम! बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रहे, नहीं हो रही कार्रवाई

जागरण संवाददाता, करनाल: मैडम! बेटी को न्याय दिलाने के लिए करीब एक माह से भटक रहे हैं, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। हम बार-बार थाने के चक्कर काट रहे है। निरीक्षण करने आई राज्य महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ के समक्ष ये बात पीड़िता के स्वजनों ने शिकायत की।

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पीड़िता की स्वजन ने बताया कि उसकी भतीजी की शादी करीब डेढ़ साल पहले की थी, लेकिन पति ने उसे मारपीटकर निकाल दिया। छह माह वे कार्रवाई की मांग पर भटकते रहे और एसपी को शिकायत देने के बाद करीब एक माह पहले मामला दर्ज किया गया। इसके बाद भी आरोपितों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। वे बेटी को उसी घर में बसाना चाहते हैं। इस मामले पर भी उन्होंने आयोग की सदस्य के समक्ष सफाई देते हुए बताया कि पीड़िता ने अपने पति के खिलाफ ही शिकायत दी है, जिसके खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है। उसे नोटिस भी दिया जा चुका है और प्रक्रिया के अनुसार आगे भी नोटिस दिए जाएंगे। न आने पर पुलिस अगली कार्रवाई करेगी। आयोग सदस्य ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए तो वहीं पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलाए जाने का भरोसा दिया। आपसे कोई परेशान तो कहां करे शिकायत: नम्रता

महिला थाने में कोई पीड़ित गुप्त रूप से शिकायत देना चाहे तो इसके लिए आज तक शिकायत पेटी ही नहीं लगाई गई। महिला आयोग की सदस्य ने इसे गंभीरता से लिया और एसएचओ से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा कि आपसे कोई परेशान है तो शिकायत कैसे दे सकता है। हालांकि महिला एसएचओ कविता ने कहा कि थाना परिसर में ही मित्र कक्ष है। एसपी को भी शिकायत दी जा सकती है। इस पर आयोग सदस्य ने कहा कि यहां शिकायत पेटी अवश्य होनी चाहिए। पीड़िता को मिलाया फोन, बंद मिला

आयोग सदस्य नम्रता गौड़ ने निरीक्षण के दौरान पिछले और इस वर्ष आई शिकायतों की जानकारी ली तो वहीं हाजिरी रजिस्टर भी देखना चाहा। हालांकि यहां हाजिरी रजिस्टर की जगह एसएचओ ने स्पष्ट किया कि रोजनामचे में ही उपस्थिति दर्ज है। गौड़ ने इसे देखते हुए कहा कि कौन पुलिस कर्मी कहां गया है, यह भी पता नहीं चल रहा। उन्होंने हाजिरी दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इस वर्ष आए मामलों में दर्ज एक एफआइआर का निपटान न होने पर भी संज्ञान लिया। उन्होंने पीड़िता के दिए मोबाइल पर संपर्क किया, लेकिन यह बंद मिला। वहीं एसएचओ ने इस पर अब तक की गई कार्रवाई से उन्हें अवगत कराया। निरीक्षण के दौरान क्रच रूम देखा गया तो महिलाओं को तत्काल न्याय दिलाने को लेकर निर्देश भी दिए। गौड़ ने मामलों में कार्रवाई व अन्य व्यवस्थाओं पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने जिला कारागार और रैन बसेरे का भी निरीक्षण किया।


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