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जीवन लंबा नहीं महान होना चाहिए : मंजू छिबर

जीवन लंबा होने की बजाय महान होना चाहिए। डॉ. भीमराव ऐसे धर्म को मानते थे जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारा सिखाएं। सबसे पहले और सबसे आखिर में हम भारतीय हैं। बुद्धि का विकास मानवता के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 12:57 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 12:57 AM (IST)
जीवन लंबा नहीं महान होना चाहिए : मंजू छिबर
जीवन लंबा नहीं महान होना चाहिए : मंजू छिबर

संवाद सहयोगी, बल्ला

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जीवन लंबा होने की बजाय महान होना चाहिए। डॉ. भीमराव ऐसे धर्म को मानते थे जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारा सिखाएं। सबसे पहले और सबसे आखिर में हम भारतीय हैं। बुद्धि का विकास मानवता के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असतोष का होना पर्याप्त नहीं है जिसकी आवश्कता है वह है न्याय और राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों से गहरी आस्था। उक्त विचार रविवार को रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंजू छिबर ने रविदास मंदिर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहे। प्रदेश महासचिव मनोज जोगी ने कहा कि डॉ. भीमराव ने ना सिर्फ दलितों के खिलाफ होने वाले जातिगत भेदभाव के खिलाफ अपनी आवाज उठाई, बल्कि भारतीय संविधान के निर्माण में भी अहम योगदान दिया। बाबा साहेब का जीवन सघंर्ष और सफलता की ऐसी अदभुत मिसा है जो आज के लोगो में होने असंभव है वे एक दलित राजनीतिक नेता न्याय शास्त्री और सामाजिक सुधारक होने के साथ-साथ भारतीय संविधान के मुख्य शिल्यकार भी थे। सभा को राष्ट्रीय सेवा पार्टी के संस्थापक तेजपाल सहरावत व बनवारी लाल सोनी ने भी संबोधित किया। अंबेडकर सभा की ओर से मंजू छिबर व अन्य नेताओं को पगड़ी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कान्ता देवी, सुरेश, नरेंद्र टांक, संजय टांक, कर्म¨सह, राममेहर, शिवकुमार व जयपाल मौजूद रहे।


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