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बेरीकेट हटाकर सीएम ऑफिस की ओर बढ़े कर्मचारी

जागरण संवाददाता, करनाल : सीएम सिटी में हरियाणा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले आयोजित आक्र

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 21 Aug 2017 03:00 AM (IST)
बेरीकेट हटाकर सीएम ऑफिस की ओर बढ़े कर्मचारी
बेरीकेट हटाकर सीएम ऑफिस की ओर बढ़े कर्मचारी

जागरण संवाददाता, करनाल : सीएम सिटी में हरियाणा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले आयोजित आक्रोश रैली में प्रदेश भर से आए कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। कर्मचारी विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग उठाते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कर्मियों के हक पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रैली के बाद कर्मचारी सीएम कैंप ऑफिस की ओर आगे बढ़े तो उन्हें बेरीकेट लगाकर पुलिस ने रोक लिया। पुलिस के इंतजामों को धता बताते हुए कर्मचारी आगे बढ़ गए तो पुलिस ने फिर उन्हें सीएम कैंप ऑफिस के पास रोक लिया। इसके बाद नायब तहसीलदार राजबक्श ने कर्मचारियों का ज्ञापन लिया। इसके बाद ओएसडी अमरेंद्र ¨सह ने कर्मचारी नेताओं से मुलाकात की और उन्हें 13 सितंबर को सीएम से मिलने का समय दिलाया। महासंघ ने ऐलान किया कि 13 सितंबर को उनकी मांगें नहीं मानी गई तो क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा और 7 नवंबर को प्रदेश स्तर पर जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा। राज्यस्तरीय रैली की अध्यक्षता महासंघ के राज्य प्रधान कंवर ¨सह यादव ने की और मंच संचालन महासचिव वीरेंद्र ¨सह धनखड़ ने किया।

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रैली के दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा था कि दोपहर तीन बजे तक उनके पास सरकारी नुमाइंदा बात करने के लिए नहीं आया तो वे सीएम कैंप ऑफिस का घेराव करेंगे और वहीं धरना दिया जाएगा। इसके बावजूद रैली में सरकार की ओर से कोई नुमाइंदा नहीं आया तो कर्मचारी सीएम कैंप आफिस की ओर चल दिए। राजीव गांधी विद्युत सदन के पास पुलिस की ओर से बेरीकेट लगा रखे थे। बावजूद इसके कर्मचारी बेरीकेट हटाकर आगे बढ़ने में सफल हो गए, लेकिन पुलिस ने सीएम कैंप आफिस के पास कर्मचारी को फिर रोक लिया। यहीं पर कर्मचारियों ने नायब तहसीलदार राजबक्श को मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इसके बाद कर्मचारी नेताओं ने ओएसडी से मुलाकात की।

मांगों के प्रति गंभीर नहीं सरकार

प्रदेशाध्यक्ष कंवर ¨सह यादव न सरकार की वादा खिलाफी पर सरकार की जमकर कोसा और आरोप लगाया कि सरकार के साथ दो बार बैठकर सभी मांगों पर विस्तार से चर्चा होने के बाद जिन मांगों पर सहमति बनी थी उन पर कोई कारवाई न होना इस बात का संकेत है कि सरकार कर्मचारियों की मांगों के प्रति गंभीर नहीं है।

कर्मचारियों की ये हैं मांगें

राज्य महासचिव वीरेंद्र धनखड़ ने कहा कि कर्मचारियों की मुख्य मांगों में समान काम समान वेतन, सभी कच्चे, ठेके पर लगे, तदर्थ आधार पर या गेस्ट अध्यापकों के तौर पर लगे कर्मचारियों को पक्का करना, रिक्त पड़े पदों पर तुरंत नियमित भर्ती करना, कैशलेश मेडिकल सुविधा देना, रोडवेज, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनरेगा, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर्स में निजीकरण प्रथा को बंद करना, रोडवेज में 10 हजार नई बसों को बेड़े को शामिल करना औ बिजली बोर्ड की थर्मल यूनिटों को निजी हाथों में देने पर रोक लगाना शामिल है।


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