रक्त शुद्धि करने में कपालभाति प्राणायाम अहम
जागरण संवाददाता, करनाल : पतंजलि योग समिति की ओर से आर्य समाज प्रेम नगर में योग शिविर का आयोजन किया ग
जागरण संवाददाता, करनाल : पतंजलि योग समिति की ओर से आर्य समाज प्रेम नगर में योग शिविर का आयोजन किया गया। इसका संचालन डॉ. जयदीप आर्य ने किया। डॉ. आर्य ने बताया कि पीजीआइ चंडीगढ़ कॉन्फ्रेंस में हावर्ड स्कूल ऑफ मेडिसन से आए हुए एसिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सतबीर खालसा ने बताया कि अमेरिका में योग को लेकर रुझान निरंतर बढ़ रहा है। 2014 में जो लगभग 2 प्रतिशत अमेरिकन लोग योग किया करते थे आज इनकी संख्या लगभग 15 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने लगभग 40 मिनट का ध्यान एवं प्राण साधना का अभ्यास कराया, साधकों ने विशेष रूप से आनंद लिया।
इस अवसर पर डॉ. जयदीप आर्य ने कहा कि योग का अर्थ केवल मात्र आसन एवं प्राणायाम करना ही नहीं है अपितु योग मायने अपने आहार व्यवहार और विचार की शुद्धता पर विशेष बल देना ही है। उन्होंने कहा कि सुबह काल का भोजन यदि हम फलाहार से आरंभ करें तो सबसे उत्तम है। उन्होंने पुष्टाहार दलिया पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित एक विशेष डाइट है की चर्चा की। व्यक्ति अपने क्षमताओं के आधार पर अपने भोजन का चयन करें। उन्होंने कहा कि आहार शुद्ध होता है तो आत्मा प्रसन्न रहती है स्वस्थ रहती है और व्यक्ति आत्मबल को प्राप्त होता है। उन्होंने योग के विभिन्न आयामों पर की चर्चा करते हुए कहा कि भस्त्रिका प्राणायाम के साथ-साथ बाह्य प्राणायाम रोगों के निवारण में विशेष भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि रक्त अशुद्धि रोगों का मूल कारण है और रक्त शुद्धि करने में कपालभाति सहित प्राणायाम विशेष भूमिका निभाते हैं।
इस अवसर पर पतंजलि योग समिति के विभिन्न पदाधिकारी यहां उपस्थित थे। इस अवसर पर अश्विनी मिश्रा, सुनेजा, सुनील, सचिन, सोनम अरोड़ा, छाया गोयल, प्रवीण नागपाल, सुमित शर्मा, मिहिर व आदित्य आर्य मौजूद रहे।
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