खाकी पर कभी बरसे अभिनंदन के फूल तो कहीं छवि पर पड़ी भ्रष्टाचार की धूल
सेवा सिंह करनाल गुजरते साल 2020 में सेवा सुरक्षा और सहयोग के बुलंद नारे पर चली खाकी के
सेवा सिंह, करनाल:
गुजरते साल 2020 में सेवा, सुरक्षा और सहयोग के बुलंद नारे पर चली खाकी के अलग-अलग रंग देखने को मिले। कहीं अपनी जिदगी दांव पर लगा कोरोना योद्धा बने पुलिसकर्मियों पर लोगों ने अभिनंदन के फूल बरसाए तो कहीं खाकी की छवि पर भ्रष्टाचार की धूल जम गई। आमजन की सुरक्षा का दम भरने वाली पुलिस पर अपनों के ही हक हड़प लेने के दाग लगे तो आम जन भी प्रताड़ित रहा। इंटरनेट मीडिया तक वायरल हुई पुलिसकर्मियों की करतूतों व अफसरों की नाक के नीचे भ्रष्टाचार के खेल से विभाग की छवि धूमिल हुई। जब पुलिस के जज्बे को किया सलाम
कोरोना महामारी से जंग में पुलिसकर्मी असल हीरो साबित हुए। जान की परवाह किए बिना सिपाही से लेकर आइजी स्तर के अधिकारी तक जिदगी बचाने के लिए दौड़धूप करते दिखे। उन्हें देख लोग गर्व से कहने लगे थे कि ये पुलिसकर्मी असल हीरो हैं। महामारी से लोगों को बचाने की जिद्दोजहद में बड़े स्तर पर पुलिसकर्मी कोरोना के शिकार तक हो गए थे और दुरूस्त होने पर फिर मैदान में उतर आए थे। बुटाना थाने के एसआई शेर सिंह, मधुबन थाने के एएसआई बलविद्र सिंह, सदर थाने के इएएसआई संजय कुमार की कोरोना की इसी जंग में जान चली गई, लेकिन ये सभी योद्धा दूसरे पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए। अपनों से भी खेल गए भ्रष्टाचार का खेल
19 फरवरी 2020 को जब एसपी कार्यालय में ही स्थित पुलिस विभाग की अकाउंट ब्रांच में तैनात दो पुलिस अधिकारियों व अन्य कर्मियों द्वारा अपने ही विभाग के कर्मचारियों के टीए व कंटीजेंसी बिलों के करीब 44 लाख रुपये हड़प लिए जाने का मामला उजागर हुआ तो हर कोई हैरान रह गया था। चार साल से चले आ रहे इस कथित भ्रष्टाचार के तहत टीए व कंटीजेंसी की राशि विभाग के ही दो चतुर्थ श्रेणी कर्मी और दो फर्जी लोगों के नाम यूनिक कोड बनाकर बैंक खाते में ट्रांसफर कर लेने के आरोप लगे थे। पूरे विभाग को हिला देने वाले मामले का रहस्योद्वाटन एक पुलिस अधिकारी की पहल पर हुआ था तो बाद में आइजी भारती अरोड़ा के आदेशानुसार ब्रांच पर ही केस दर्ज करना पड़ा था। मामला उजागर होने पर लोग भी यह कहने को मजबूर हो गए थे कि पुलिसकर्मी अपनों के साथ ही ऐसा खेल भी खेल सकते हैं, यह पहली बार देखा है। 2020 शुरू होने से पहले ही लगने लगे थे दाग
खाकी पर दाग साल 2020 शुरू होने से पहले ही लगने लगे थे। सीआईए वन की टीम विगत दिसंबर को आरोपों के घेरे में आ गई थी। टीम पर कुछ गोरक्षकों को टार्चर करने व गो तस्करों के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए गए थे। मामला गृह मंत्री अनिल विज तक भी पहुंच गया था तो छह आरोपित कर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। 27 नवंबर को निसिग थाने में तैनात एक एसआई को विजिलेंस टीम ने छह हजार रुपये लेते रंगे हाथों काबू किया था। जब वायरल हुआ था मामला
आठ मई 2020 को इंटरनेट मीडिया पर ब्याना चौकी के इंचार्ज राजेंद्र सिंह व हेड कांस्टेबल सुलखन सिंह पर गांव कलसोरा किसान संदीप से जमीनी विवाद के चलते एक मामले में 22 हजार रुपये रिश्वत लिए जाने का मामला वायरल हुआ था, जिसके बाद दोनों आरोपित कर्मियों को सस्पेंड किया गया था। वर्जन
पिछले वाकयों से सीख लेते हुए नए साल में पुलिस की छवि सुधारने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। टीम वर्क के बूते काम की मिसाल पेश की जाएगी।
गंगाराम पूनिया, एसपी