Move to Jagran APP

समाज में समता लाने के लिए संघर्ष करते जगमाल सिंह जटैन

समाज में समता लाने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल सिंह जटैन लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 08:00 AM (IST)
समाज में समता लाने के लिए संघर्ष करते जगमाल सिंह जटैन
समाज में समता लाने के लिए संघर्ष करते जगमाल सिंह जटैन

जागरण संवाददाता, करनाल : समाज में समता लाने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल सिंह जटैन लगातार संघर्ष कर रहे हैं। लोगों को अधिकार दिलाने के लिए वह लगातार प्रयासरत रहते हैं। अधिकारों के बीच में बाधा बनने वालों के खिलाफ वह डट जाते हैं। फिर चाहे न्यायिक लड़ाई हो या फिर सरकारी स्तर पर अधिकारियों से पीड़ित की बात पहुंचानी हो। वह पीछे नहीं हटते हैं। जब तक पीड़ित को उसका अधिकार नहीं दिलाते, वह खामोश नहीं रहते हैं।

loksabha election banner

जब अन्याय के खिलाफ लड़ी लड़ाई

जगमाल सिंह जटैन ने छात्र जीवन में ही अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी थी। वकालत की पढ़ाई के बाद करनाल में प्रेक्टिस शुरू की तो कुरुक्षेत्र में एक व्यक्ति का मर्डर हो गया। उन्हें जैसे ही इस बात का पता चला तो वह मौके पर पहुंच गए। बिना किसी बात की परवाह किए वह हथियारबंद लोगों के बीच में पहुंचे। हथियारबंद लोग भी यह देखकर हैरान थे कि उनकी दबंगई के सामने एक नौजवान डट गया है। इस मामले को उन्होंने अदालत के माध्यम से लड़ा और पीड़ित पक्ष को इंसाफ दिलाया।

आज भी दिया जाता जनहित के कार्यो का उदाहरण

जगमाल सिंह जटैन ने 1990 में जनहित में ऐसा काम किया, जिसका उदाहरण आज भी दिया जाता है। मूल रूप से इंद्री हलके खानपुर गांव के रहने वाले जगमाल सिंह जटैन ने अपने हलके के वकीलों के साथ मिलकर जनहित में कार्य करने का निर्णय लिया। समाज में बदलाव लाने के लिए उन्होंने कई कार्य किए। जब युवा मौज-मस्ती में मशगूल रहते है, उस आयु में उन्होंने समाज को चोट पहुंचाने वाली बुराइयों के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी थी। उन्होंने इंद्री पुलिस थाने के तत्कालीन एसएचओ के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले एफआइआर दर्ज कराई। इसी अवधि में तत्कालीन तहसीलदार के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के मामले में एफआइआर दर्ज कराई। इंद्री क्षेत्र में वक्फ बोर्ड की जमीन पर भूमाफिया के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने इंद्री में न्यायालय की स्थापना को लेकर भी संघर्ष किया। वकीलों को इस मामले में लामबंद किया। वर्ष 2007 में हाईकोर्ट के तत्कालीन इंस्पेक्टिग जज न्यायाधीश आरके बदल के सामने इंद्री में कोर्ट स्थापित करने की बात रखी। उन्होंने जस्टिस का इंद्री में दौरा कराया और यहां कोर्ट खोले जाने की जरूरत को बताया। इसके बाद इंद्री में कोर्ट की स्थापना हुई।

गलत को गलत कहने की हिम्मत रखनी चाहिए

जगमाल सिंह जटैन ने 1985 से वकालत शुरू की। उनका कहना है कि जरूरी नहीं है कि एडवोकेट, प्रशासनिक अधिकारी या पत्रकार ही हर बुराई के खिलाफ लड़ें। जरूरत तो इस बात है कि हर आदमी गलत को गलत कहने की हिम्मत रखे। यदि हर आदमी गलत बात के खिलाफ बोलना शुरू हो जाए तो फिर उसकी आवाज को कोई नहीं दबा सकता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.