भक्ति भाव से भगवान की प्राप्ति संभव: विजय कौशल
कथा व्यास संत प्रवर विजय कौशल महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा मनोरंजन का साधन नहीं
जागरण संवाददाता, करनाल: कथा व्यास संत प्रवर विजय कौशल महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि मन के मैल को धोकर पवित्र करने और भगवद प्राप्ति की ओर अग्रसर होने का एकमात्र माध्यम है। उन्होंने भक्ति भाव अपनाकर भगवान की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया।
श्री हरि कथा प्रचार समिति की ओर से ओपीएस विद्या मंदिर में आयोजित श्रीराम कथा उत्सव में पांचवें दिन उन्होंने कहा कि भगवान पशु-पक्षियों का भी सम्मान करते हैं। उनके उपकार को भी नहीं भूलते। मौजूदा दौर में मनुष्य किसी भी उपकार को नहीं मानता है। भक्ति भाव से ही भगवान की प्राप्ति संभव है। उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और केवट की बातचीत का सुंदर वर्णन किया। इस मौके पर गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद और स्वामी रामदास ने भी आशीर्वचन दिए। आइजी भारती अरोड़ा और ज्वाइंट कमिश्नर शिवानी बंसल सहित कई प्रशासनिक, राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षणिक हस्तियां भी आशीर्वाद लेने पहुंचीं। कथा श्रवण के लिए हजारों श्रद्धालु जुटे। संत प्रवर विजय कौशल जी महाराज ने कथा में कहा कि श्रीराम कथा के श्रवण मात्र से बेड़ा पार हो जाता है। कथा को कानों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। बिना सत्संग विवेक प्राप्त करना संभव नहीं है। सत्संग एक औषधि है, जिससे सभी कष्ट दूर होते हैं। यजमान के रूप में रमेश गुप्ता तरावड़ी ने शिरकत की। मुख्य संयोजक अविनाश बंसल और महासचिव सुनील गुप्ता ने बताया कि आठ मार्च को फूलों संग होली खेली जाएगी। प्रधान शशि भूषण गुप्ता, महासचिव सुनील गुप्ता, प्रकल्प प्रमुख घनश्याम गोयल, कोषाध्यक्ष सतीश गर्ग, अंकुर गुप्ता, प्रवीण गोयल, पुनीत मित्तल, संजय सिगला और प्रदीप गुप्ता मौजूद रहे।