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आइपीएस ओमवीर सिंह व कृष्ण मुरारी पुलिस पदक से होंगे सम्मानित

आइपीएस ओमवीर सिंह व कृष्ण मुरारी पुलिस पदक से सम्मानित होंगे। दोनों अधिकारी फिलहाल करनाल जिले में ही तैनात हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 09:30 AM (IST)
आइपीएस ओमवीर सिंह व कृष्ण मुरारी पुलिस पदक से होंगे सम्मानित
आइपीएस ओमवीर सिंह व कृष्ण मुरारी पुलिस पदक से होंगे सम्मानित

जागरण संवाददाता, करनाल : आइपीएस ओमवीर सिंह व कृष्ण मुरारी पुलिस पदक से सम्मानित होंगे। दोनों अधिकारी फिलहाल करनाल जिले में ही तैनात हैं। ओमवीर सिंह जहां यातायात एवं हाईवे में तैनात हैं तो वहीं कृष्ण मुरारी पुलिस अकादमी मधुबन में तैनात हैं। उनके नाम की राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी मिलते ही विभाग में खुशी की लहर दौड़ गई और देर रात तक बधाई देने वालों को तांता लगा रहा। बॉक्स

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फोटो 17 ए

इंस्पेक्टर से आइपीएस बने ओमवीर सिंह

यातायात एवं हाइवे में तैनात ओमवीर सिंह मूल रूप से भिवानी जिला के गांव मनसरबास के रहने वाले हैं। इन्होंने वर्ष 1993 में बतौर इंस्पेक्टर विभाग में ज्वाइन किया था। वे वर्ष 2000 में डीएसपी बने तो 2009 में आइपीएस बने। इस दौरान उनके कार्य को लेकर उच्च अधिकारी भी सराहना करते रहे। पुलिस पदक मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए ओमवीर सिंह ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि यह ईमानदारी व तत्परता से डयूटी करने का ही परिणाम है कि विभाग व सरकार ने उन्हें यह सम्मान मिला है। वे अपने उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार व कनिष्ठ कर्मियों के सहयोग से बेहतर कार्य करने का प्रयास करते रहे। उन्हें सम्मानित करने से विभाग के दूसरे अधिकारी व कर्मचारियों का भी गौरव बढ़ा है और वे भी इससे प्रोत्साहित होंगे। बॉक्स

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इंस्पेक्टर से आइपीएस बनने के सफर में किए कार्य का मिला इनाम : मुरारी

मूल रूप से गांव तालू जिला भिवानी के रहने वाले आइपीएस कृष्ण मुरारी वर्ष 1993 में इंस्पेक्टर के तौर पर विभाग में भर्ती हुए थे। उन्हें वर्ष 2000 में पदोन्नति देकर डीएसपी बनाया गया तो 2012 में वे आइपीएस बने। फिलहाल वे पुलिस अकादमी मधुबन में तैनात हैं। उन्होंने अपने नाम का चयन होने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह सम्मान उन्हें नहीं बल्कि विभाग के हर अधिकारी व कर्मचारी को मिलेगा। वे अपनी डयूटी पूरी लग्न व ईमानदारी के साथ तत्परता से करते रहे हैं। इसी का सम्मान उन्हें दिया जा रहा है, जिसके लिए वे आभारी हैं। उन्होंने उच्चाधिकारियों का आभार जताया तो वहीं बताया कि अपने सहयोगी कर्मियों के साथ मिलकर ही वे डयूटी बेहतर तरीके से कर पाए। हर पुलिस कर्मी को इस सम्मान से प्रेरणा मिलेगी।


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