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ऑपरेशन के बाद सुरेश की आंख में रोशनी पर कितना पड़ा असर, तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

जांच कमेटी के सदस्य द्वारा छह लाख रुपये रिश्वत मांगने के मामले में एक अन्य पहलू पर भी हो रही जांच कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष के नेतृत्व में गठित की गई कमेटी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 09:27 AM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 09:27 AM (IST)
ऑपरेशन के बाद सुरेश की आंख में रोशनी पर कितना पड़ा असर, तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच
ऑपरेशन के बाद सुरेश की आंख में रोशनी पर कितना पड़ा असर, तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

जागरण संवाददाता, करनाल : एक निजी अस्पताल में मरीज की आंख के ऑपरेशन मामले में स्वास्थ्य विभाग में हलचल मची हुई है। ऑपरेशन से मरीज की आंख की रोशनी पर कितना और कैसा असर पड़ा, यह जांच तीन सदस्यीय कमेटी करेगी। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. सुमित खंडूजा की अध्यक्षता में यह कमेटी जिला सिविल सर्जन डॉ रमेश कुमार के निर्देशन पर बनाई गई है। जांच के बाद यह कमेटी स्वास्थ्य महानिदेशक को रिपोर्ट भेजेगी, जिसके आधार पर विभाग अगला कदम उठाएगा। वहीं विजिलेंस विभाग की जांच पर भी स्वास्थ्य विभाग निगाहें टिकाए हुए है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग आरोपित डॉ. दिवाकर भटनागर पर कार्रवाई कर सकता है। यह है मामला

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बता दें कि एक निजी अस्पताल में नेत्र रोगी के ऑपरेशन में लापरवाही के आरोप लगाए गए थे। इसकी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जांच कमेटी बनाई थी। कमेटी में शामिल एक सदस्य चिकित्सक पर आरोपित चिकित्सक से छह लाख रुपये की रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगा था। यह शिकायत विजिलेंस विभाग के पास निजी अस्पताल के संबंधित डॉक्टर रोहित सरदाना ने दी थी। इसके बाद, विजिलेंस ने आरोपित चिकित्सक के खिलाफ दो दिन पहले ही मामला दर्ज कर लिया। वहीं, निजी अस्पताल के शिकायतकर्ता चिकित्सक द्वारा सुबूत के तौर पर सौंपी गई रिकार्डिंग की जांच फोरेंसिक लैब में भेज दी गई है। आरोपित चिकित्सक ने आरोप नकारे

जांच टीम के आरोपित सदस्य चिकित्सक ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। विजिलेंस एसपी श्याम लाल के अनुसार इसी वर्ष 10 अप्रैल को निजी अस्पताल के चिकित्सक रोहित सरदाना ने शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था जांच कमेटी के सदस्य चिकित्सक डॉ. दिवाकर भटनागर ने उनसे बार-बार फोन कर पहले 4 अप्रैल को करनाल क्लब में मिलने को कहा। जब वह उनसे मिले तो एक लाख 75 हजार रुपये की मांग की गई। इसके दो दिन बाद ही फिर छह लाख रुपये मांगे गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाए थे कि यह राशि उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई जानी है और इसके बाद ही रिपोर्ट पर हस्ताक्षर होंगे। राशि न देने पर जांच रिपोर्ट पक्ष में न बनाए जाने की भी धमकी दी गई। महानिदेशक को भेजी जाएगी रिपोर्ट

एसपी ने बताया कि इन आरोपों के चलते मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया और अनुमति मिलने के बाद अब जांच कमेटी के आरोपित सदस्य चिकित्सक के खिलाफ संबंधित नियम अनुसार मामला दर्ज किया गया। वहीं जिला सिविल सर्जन डॉ रमेश कुमार का कहना है कि ऑपरेशन के बाद आंख की रही स्थिति को जांचने के लिए कमेटी बनाई है और रिपोर्ट महानिदेशक को भेजी जाएगी। सीएम विंडो पर की थी शिकायत

कर्ण विहार वासी सुरेश कुमार ने सीएम विडो पर शिकायत दी थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि शहर के एक निजी अस्पताल में उन्होंने आंख का ऑपरेशन कराया था। इसमें संबंधित चिकित्सक रोहित सदाना द्वारा लापरवाही बरती गई। सीएम विडो पर शिकायत के बाद मामला स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंचा तो तत्कालीन सीएमओ ने जांच के लिए डॉ रजनीश गर्ग, डॉ. सतबीर व डॉ. दिवाकर भटनागर की टीम बनाई थी। निजी अस्पताल के चिकित्सक रोहित सदाना ने टीम सदस्य डॉ. भटनागर ने इस जांच की आड़ में बार-बार फोन कर पहले एक लाख 75 हजार रुपये और फिर छह लाख रुपये की मांग करने के आरोप लगाए थे।

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