इसी साल जिले को मलेरिया फ्री घोषित करेंगे, स्थिति नियंत्रण में : डॉ. मंजू पाठक
मई माह नो मलेरिया मंथ घोषित किया गया है। इसके तहत घर-घर जाकर लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
सप्ताह का साक्षात्कार
आने वाले बरसाती सीजन में बीमारियां बढ़ने की संभावना हो जाती है, ऐसे में लोगों को क्या विशेष ध्यान रखना है और मच्छरों से कैसे करना है बचाव जिला मलेरिया अधिकारी ने की दैनिक जागरण से बातचीत जागरण संवाददाता, करनाल
मई माह नो मलेरिया मंथ घोषित किया गया है। इसके तहत घर-घर जाकर लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक किया जा रहा है। मच्छर ना पनपे इसके लिए लोगों तरीके बताए जा रहे हैं। घरों में कूलर, टंकिया, फ्रिज की प्लेट और वह संभावित जगह जहां पर पानी एकत्रित रह सकता है चेकिग की जा रही है। जिले को इसी वर्ष मलेरिया फ्री किया जाएगा। इस माह में मलेरिया से जंग लड़ने की तैयारी हो चुकी है। विभाग के पास मैन पावर की कमी है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मंजू पाठक दैनिक जागरण से बातचीत कर रही थी। उन्होंने कहा कि इस समय फिलहाल तीन टीमें गठित की गई हैं, जिसमें 11-11 लोगों का स्टाफ है। जिले को मलेरिया फ्री घोषित करने के लिए लोगों स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो प्रयास किए जा रहे हैं, उसमें लोगों का भी सहयोग मिल रहा है। इस बार मच्छरों से बचाव को लेकर स्प्रे अभियान कहां पर चलाया जा रहा है?
डॉ. मंजू पाठक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने पहले उस एरिया को चिन्हित किया है जहां पर मलेरिया के केस ज्यादा सामने आए हैं। सबसे पहले उन क्षेत्रों को स्प्रे कर कवर किया जा रहा है। इस समय घरौंडा क्षेत्र में तीन गैंग स्प्रे अभियान में शामिल हैं। जहां पर पानी एकत्रित है वहां पर दवाएं भी डाली जा रही हैं। घर-घर जाकर एंटी मलेरिया स्प्रे किया जा रहा है। - बरसाती सीजन में मच्छरों की भरमार इतनी हो जाती है कि लोग फॉगिग की डिमांड करते हैं
डॉ. मंजू पाठक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय से आदेश जारी हुए हैं कि ग्राम पंचायतें अपने स्तर पर व्हीकल मोड फॉगिग मशीन, जिला पंचायती राज विभाग के माध्यम से खरीदी जाएंगी। इन मशीनों में इस्तेमाल होने वाले पैट्रोल का खर्च ग्राम पंचायत वहन करेगी और दवाएं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उपलब्ध कराया जाएगा। सभी पंचायतों को पत्र लिखकर नालों और नालियों की सफाई के लिए कहा गया है। 0 जो लोग लापरवाह हैं, बार-बार लार्वा मिल रहा है, ऐसे लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही संभव है?
-स्वास्थ्य विभाग की तरफ से घर-घर जाकर एंटी मलेरिया अभियान शुरू कर दिया गया है। जहां पर पानी एकत्रित मिला तो उनको नोटिस जारी किए जाएंगे। इसके बाद भी नहीं मानें तो लोगों को जुर्माना अदा करना पड़ सकता है। 0 जिले को मलेरिया फ्री घोषित करने को लेकर आप कितने कदम दूर हैं?
- पिछले कुछ सालों की स्थिति का आंकलन किया जाए तो मलेरिया का ग्राफ कम होता गया है। वर्ष 2012 में 2438 केस, 2013 में 1201 केस, 2014 में 249 केस, 2015 में 255 केस, 2016 में 171 केस, 2017 में घटकर महज 85 केस रह गए। 2018 में मलेरिया के केसों की संख्या घटकर महज 17 रह गई है। इस वर्ष एक भी मलेरिया का केस ना आए इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। संक्षिप्त परिचय
जिला मलेरिया अधिकारी मंजू पाठक का जन्म अगस्त 1964 में पंजाब के अमृतसर में हुआ। उनकी प्राथमिक शिक्षा भी यहीं से हुई। इसके बाद एमबीबीएस की पढ़ाई भी अमृतसर मेडिकल कॉलेज से पूरी की। वर्ष 1997 में सरकारी सेवाओं में आईं। पहली पोस्टिग पीएचसी कुंजपुरा में हुई। इसके बाद वर्ष 2016 में सीनियर मेडिकल आफिसर के तौर पर असंध में तैनात रही। वर्ष 2018 में जिला मलेरिया अधिकारी और डिप्टी सिविल सर्जन के तौर पर करनाल में सेवाएं दे रही हैं।