हाल-ए निगम : रिटायर्ड जेई ने बिल भर दिया, फिर भी खाते में 15 हजार का चेक लगा दिया, अब वापस नहीं हो रहे पैसे
बिजली निगम का हाल देखिये आम उपभोक्ता की सुनना तो दूर विभाग से ही से ही सेवानिवृत्त अधिकारियों की भी सुनवाई नहीं हो रही है। बिजली बिलों को ठीक कराने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। मंगलवार सुबह दैनिक जागरण संवाददाता ने निगम कार्यालय में समस्याएं लेकर आने वाले उपभोक्ताओं से बातचीत की।
जागरण संवाददाता, करनाल : बिजली निगम का हाल देखिये, आम उपभोक्ता की सुनना तो दूर विभाग से ही से ही सेवानिवृत्त अधिकारियों की भी सुनवाई नहीं हो रही है। बिजली बिलों को ठीक कराने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। मंगलवार सुबह दैनिक जागरण संवाददाता ने निगम कार्यालय में समस्याएं लेकर आने वाले उपभोक्ताओं से बातचीत की। इस दौरान उपभोक्ताओं ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। ज्यादातर लोगों की समस्याएं बिलों में गड़बड़ी की सामने आई। उपभोक्ताओं का आरोप है कि बिल ठीक कराने के लिए चार से छह चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कर्मचारी भी उपभोक्ताओं की सुनने को तैयार नहीं हैं। निगम के सारे दावे यहां पर आकर हवा हो जाते हैं।
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रिटायर्ड जेई बोले- ब्याज माफी योजना के तहत बिल भर दिया, इसके बावजूद भी लगा दिया चेक
अपने ही विभाग से परेशान होकर घूम रहे रिटायर्ड जेई न्यू चार चमन निवासी जनक राज बोले- यहां के कर्मचारियों ने हद कर दी। उनका बिल ज्यादा था, इस एवज में निगम ने 15 हजार रुपये का चेक उससे लिया था। ब्याज माफी योजना के तहत उनका बिल जितना माफ हो गया उसका बकाया जमा करा दिया, बावजूद इसके 15 हजार रुपये का चेक लगा दिया है। मेरा निगम से सवाल यह है कि जब मेरा बिल क्लियर है तो चेक लगाने का कौन सा तुक बनता है। अब पेमेंट और जुर्माना लगाकर 16652 रुपये का बिल भेज दिया है। कर्मचारी काम करने राजी नहीं हैं, उपभोक्ता भटक रहे हैं। फोटो---27 नंबर है।
निगम का कारनामा : मीटर में पड़ोसियों की लाइट जोड़ दी, अब बिल ठीक नहीं कर रहे
बिजली बिल ठीक कराने पहुंचे सेक्टर-6 निवासी महिला नीलम ने बताया कि छह माह से एक ही काम के पीछे हूं, कोई तो सुनवाई करे। कोई कहीं भेज देता है तो कोई कहीं। गलती बिजली निगम की है और भुगत वह रही है। नीलम ने बताया कि उसके मीटर में निगम के किसी कर्मचारी ने पड़ोसियों की लाइट का कनेक्शन भी कर दिया। बिल आया तो होश उड़ गए। बिल ठीक कराने के लिए अब छह माह से चक्कर लगा रही हूं। किसी ने सुनवाई नहीं की। यह कौन सा तरीका है निगम की गलती पर हमें चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। रीडिंग सही नहीं, चार दिन से लगा रही चक्कर
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न्यू चार चमन निवासी अमन ने कहा कि निगम ने मनमर्जी से रीडिग भरकर बिल भेज दिया है। इस बार उनका बिल 176 रीडिग का आया हुआ है। लेकिन यह सही नहीं है। हालांकि बिल 68 से 176 रीडिग के बीच बनना चाहिए था। चार दिनों से वह धक्के खा रहा है, कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
नहीं भेज रहे बिल, निगम कार्यालय से निकलवा रहा
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कर्ण विहार निवासी अरुण ने कहा कि जब से नया मीटर लगाया गया है घर पर बिजली बिल नहीं आया है। हर बार बिजली निगम कार्यालय से ही नया बिल निकलवाकर भरना पड़ता है। इसको लेकर समय भी बर्बाद हो रहा है और एनर्जी भी। निगम को कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए। फोटो---28 नंबर है।
सीधे मुंह बात नहीं कर रहे बिजली कर्मचारी
दयालपुरा गेट निवासी संदीप कुमार बोले- बिजली कर्मचारी पता नहीं कौन से कार्यों में व्यस्त हैं। उपभोक्ता यहां आकर चिल्ला कर चले जाते हैं, लेकिन उनके उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। कर्मचारी उनकी समस्याओं का हल करना तो दूर उनसे सीधे मुंह बात करने को तैयार नहीं हैं।
100 में से औसत 70 केस बिजली बिलों की गड़बड़ी के
बिजली कार्यालय में औसत 100 केसों में से 70 केस बिजली बिलों की गड़बड़ी के ही सामने आ रहे हैं। हालांकि निगम की ओर से दावा किया जाता है कि बिलों की गड़बड़ी पर अंकुश लगाया गया है, लेकिन हकीकत दावों से परे हैं। लाख प्रयास के बाद भी बिलों की गड़बड़ी में सुधार नहीं हो पा रहा है।
कटआउट
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बिजली बिलों गड़बड़िया जल्द होंगी ठीक : रहेजा
वहीं, बिजली निगम के एसई अश्विनी रहेजा ने कहा कि बिजली बिलों में गड़बड़ियां रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने की प्लानिग की गई है। अर्बन एरिया में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू जल्द होगा। इससे मीटर रीडिग के कारण हो रही बिलों में गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा। फिलहाल जो दिक्कतें उपभोक्ताओं को हैं उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा।