अस्पताल में शुरू हुई बेहतर सुविधाएं, अब इलाज के नहीं होगी जेब ढीली
नागरिक अस्पताल की सुविधाएं बेहतर हुई हैं। लोगों का विश्वास भी नागरिक अस्पताल के प्रति बढ़ा है। यही कारण है कि ओपीडी एक साल में 700 से 1500 तक पहुंच गई है।
जागरण संवाददाता, करनाल : नागरिक अस्पताल की सुविधाएं बेहतर हुई हैं। लोगों का विश्वास भी नागरिक अस्पताल के प्रति बढ़ा है। यही कारण है कि ओपीडी एक साल में 700 से 1500 तक पहुंच गई है। यहां तक की कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में जाने वाले मरीज भी नागरिक अस्पताल का रुख कर रहे हैं। इसका कारण सरल और सस्ता इलाज। हालांकि लोग अब भी निजी अस्पतालों में जेबें ढीली कर रहे हैं। लेकिन नागरिक अस्पताल में कुछ ऐसी सुविधाएं हैं संसाधनों में इतना सुधार हुआ है कि उनकी जेब ढीली होने से बच सकती है। विडंबना यह है कि नागरिक अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं का प्रचार नहीं होता जिस कारण लोग निजी अस्पतालों में चले जाते हैं और उनकी जेब ढीली होती है।
बेहतर हुई सफाई व्यवस्था
अक्सर अव्यवस्थाओं को लेकर सुर्खियों में रहने वाले नागरिक अस्पताल में रजिस्ट्रेशन से लेकर ट्रामा सेंटर तक की सुविधाएं बेहतर की गई हैं। एंट्री प्वाइंट से ही अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था ऐसी है कि जैसे किसी निजी अस्पताल में हों। सीएम गुड गवर्नेंस की महिला अधिकारी ने भी अस्पताल का दौरा कर संतुष्टि जाहिर की। इस व्यवस्था को लेकर अस्पताल प्रबंधन की पीठ थपथपाई। हालांकि कुछ ऐसी व्यवस्थाएं भी हैं जिनको दुरुस्त करने की जरूरत है। संसाधनों की जहां तक बात है वह ओपीडी के अनुसार ठीक है, लेकिन चिकित्सकों के अभाव के कारण मरीजों को कुछ दिक्कतें जरूर आ रही हैं। डॉक्टरों की कमी यदि पूरी हो जाती है तो नागरिक अस्पताल किसी कोरपोरेट अस्पताल से कम नहीं होगा।
यह सुविधाएं नागरिक अस्पताल में, जिनका लाभ ले सकते हैं लोग
- कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज शिफ्ट होने के बाद लंबी जद्दोजहद के बाद ओपीडी को चालू किया गया।
- ऑपरेशन थियेटर को शुरू किया गया। मरीजों को आपरेशन की सुविधाएं मिलनी शुरू हो गई हैं।
- अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस लेबर रूम शुरू किया गया, हर माह 200 से अधिक डिलीवरी हो रही।
- ट्रामा सेंटर में शुरू की गई 24 घंटे की सुविधाएं।
- लैब में ब्लड टेस्ट की सुविधा 24 घंटे शुरू की गई
- कंप्यूटराइज्ड डिजिटल एक्सरे की सुविधा चालू कर दी गई है।
- हैपेटाइटिस-सी के मरीजों के टेस्ट शुरू हो गए हैं, जो पांच से छह हजार रुपये का बाहर होता है, यहां सरकारी कूपन से शुरू किया गया है।
- एडवांस्ड एसएनसीयू की सुविधा को शुरू किया गया है।
- हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना के तहत हाई रिस्क केसों की पहचान। जिन पर काम करने की जरूरत
ब्लड बैंक : नागरिक अस्पताल का कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक ट्रांसफर हो गया था। फिलहाल ब्लड बैंक यहां पर नहीं है। इसके लिए कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। ब्लड बैंक की भी सुविधा लोगों को जल्द मुहैया कराई जाएगी। अल्ट्रासाउंड : वर्ष 2008 की अल्ट्रासाउंड मशीन है। जिससे अल्ट्रासाउंड की प्रॉपर जांच संभव नहीं है। एक मशीन केसीजीएमसी की थी वह वापस ले ली गई है। इसके लिए भी उच्चाधिकारियों को लिखा गया है। टीबी वार्ड : नियमानुसार टीबी अस्पताल की अलग से व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन अभी अस्पताल में केवल टीबी की जांच हो रही है। प्रॉपर तौर पर इंडोर शुरू नहीं किया गया है। स्टाफ की कमी और संसाधनों की कमी के कारण अभी इसको चालू नहीं किया गया है। यह ओपीडी हैं चालू
मेडिसन, दंतक, जनरल सर्जरी, ईएनटी, टीबी, एनसीडी क्लीनिक, ऑर्थोपेडिक, चर्म रोग, मनोरोग, नेत्र रोग, महिला रोग, बाल रोग विशेषज्ञ ओपीडी में उपस्थित रहते हैं। वर्जन
एक साल के अंदर नागरिक अस्पताल की सुविधाओं में व्यापक बदलाव हुए हैं। यह पूरे नागरिक अस्पताल के स्टाफ की मेहनत और कर्मठता का नतीजा है कि हम लोगों को बेहतर सुविधाएं देने में कामयाब हो पाए हैं। जो खामियां रही हैं उनको भी धीरे-धीरे पूरा किया जाएगा। ट्रामा सेंटर में बेहतर सुविधाएं शुरू की गई हैं। इसके अलावा लेबर रूम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।
डॉ. पियूश शर्मा, प्रधान चिकित्सा अधिकारी, नागरिक अस्पताल करनाल।