विकास कार्यो की स्थिति नहीं सुधरी तो नपेंगे अधिकारी
आयुक्त ने स्पष्ट किया कि यदि 15 दिन के भीतर विकास कार्यो की स्थिति ठीक नहीं होती है तो उनके खिलाफ कार्यवाही संभव है। पिछले दिनों निरीक्षण पर निकले आयुक्त को कई जगह कार्य संतोषजनक मिले तो कई जगहों पर ठेकेदार की लापरवाही सामने आई थी।
जागरण संवाददाता, करनाल : नगर निगम के अधीन शहर में हो रहे विकास कार्यो में लेटलतीफी पर आयुक्त निशांत कुमार यादव ने नाराजगी जताई। उन्होंने कड़ा संज्ञान लेते हुए आदेश जारी कर सभी जूनियर इंजीनियरों व एमई को 15 दिन का समय दिया है। जिसमें विकास कार्यो की स्थिति सुधारने को कहा गया है।
आयुक्त ने स्पष्ट किया कि यदि 15 दिन के भीतर विकास कार्यो की स्थिति ठीक नहीं होती है तो उनके खिलाफ कार्यवाही संभव है। पिछले दिनों निरीक्षण पर निकले आयुक्त को कई जगह कार्य संतोषजनक मिले तो कई जगहों पर ठेकेदार की लापरवाही सामने आई थी।
लेट हो रहे विकास कार्यो की भी सूची मांगी : सख्ती के मूड में आए नगर निगम आयुक्त ने लेट हुए विकास कार्यो की सूची भी मांगी है। जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण कार्य भी हैं, जो अधिकारियों की लेटलतीफी और ठेकेदार की लापरवाही के कारण सिरे नहीं चढ़ पाए। जिस प्रकार से अधिकारियों की काम के प्रति जवाबदेही फिक्स की गई है, उससे साफ है कि उन पर गाज गिर सकती है।
जिन सुविधाओं के लिए राशि खर्च हुई, बाद में किया जा रहा था अनदेखा : छानबीन में यह बात भी सामने आई की जो प्रोजेक्ट पूरे हो चुके थे, बाद में उस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। कोई सड़क बनी तो उसमें गड्ढे हो गए। हालांकि तीन साल तक कांट्रेक्टर की यह जिम्मेदारी होती है कि उसकी देखभाल करे। अब आयुक्त ने कांट्रेक्टरों को कार्यो को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि अधिकारियों को समयबद्ध कर दिया गया है। कार्य निर्धारित समय में सुधारे नहीं गए तो सख्त एक्शन लिया जाएगा। नागरिकों को समय पर सुविधाएं देना निगम का कर्तव्य भी है। अधिकारियों को नसीहत दी गई है कि वह सरकार की गुड गवर्नेस की नीति पर चलकर अपनी ड्यूटी करें।