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पहले से ओवरफ्लो तालाब, कैसे रूकेगा बारिश का पानी..?

कस्बे के विभिन्न गांवों में तालाब ओवरफ्लो हैं। इस कारण नालों में 12 मह

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 12:55 AM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 12:55 AM (IST)
पहले से ओवरफ्लो तालाब, कैसे रूकेगा बारिश का पानी..?
पहले से ओवरफ्लो तालाब, कैसे रूकेगा बारिश का पानी..?

संवाद सहयोगी, निसिग:

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कस्बे के विभिन्न गांवों में तालाब ओवरफ्लो हैं। इस कारण नालों में 12 महीने गंदा पानी खडा रहता है। कई गांवों में लोगों को गलियों में जमा गंदे पानी की समस्याएं झेलनी पड रही हैं। पानी में लगातार मच्छर पनपते हैं। वहीं लोगों को गंदे पानी की बदबू झेलने के साथ अस्वच्छता के चलते बीमारियां फैलने का खतरा भी रहता है। यही उदाहरण औंगद गांव में देखने को मिल रहा है। यहां चार तालाब ओवरफ्लो हैं जबकि एक गली में गंदा पानी भी जमा है। मोहल्ले के लोग गंदे पानी की बदबू में सांस लेने को मजबूर हैं।

ग्रामीण तिलकराज वर्मा, विनोद भार्गव, सुशील राणा, पालाराम, जोगीराम, शैंकी राणा, करणसिंह, सतपाल, मित्रदत्त ने प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों से तालाबों को सुखवाकर खुदाई करवाने की अपील की है। ग्रामीण बताते हैं कि तालाब केवल ओवरफ्लो ही नहीं हैं बल्कि प्लास्टिक व जलखुंबी घास से भी अटे पडे हैं। ये स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जाने वाले स्वच्छता व मलेरिया मुक्त सहित अन्य अभियानों को सफल नहीं होने देते। तालाबों के आसपास की बस्ती में लोगों के घरों में बारह महीने मच्छर काटते हैं। आगामी दिनों में बरसाती मौसम प्रारंभ होगा और तालाब पहले से ओवरफ्लो है। ऐसे में बारिश का पानी गलियों व लोगों के घरों में घुसकर नुकसान पहुंचाएगा।

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तालाबों की खुदाई का उचित समय ग्रामीणों के अनुसार प्रशासन ओवरफ्लो तालाबों का पानी सुखाकर उनकी खुदाई करवाए ताकि बरसाती मौसम में तालाबों में जमा हो सके। अन्यथा गंदा पानी लोगों के घरों में जमा होगा। खुदाई के बाद नालों व गलियों में जमा पानी खत्म होगा। तभी गांवों में स्वच्छता कायम होगी। वहीं तालाबों में बारिश के पानी की निकासी भी हो सकेगी। तालाबों से गंदगी का सफाया भी हो सकेगा। ----बाक्स---- इन गांवों के तालाब ओवरफ्लो

औंगद गांव के चार तालाबों के अलावा क्षेत्र के गांव कुचपुरा, सांभली, ब्रास, डाचर, गोंदर, गुनियाना, अमूपुर,सिघडा सहित खंड के कई अन्य गांव है, जिनमें बारिश का पानी एकत्रित होने की क्षमता नहीं है। वहीं बारिश के पानी की निकासी के लिए बनी ड्रेन भी घास से अटी पडी हैं जिनकी समय रहते सफाई जरूरी है। कई गांवों में तालाबों को फाइव व थ्री पौंड सिस्टम में बदलने के कार्य प्रारंभ हुए थे जो अधूरे पड़े हैं। कतलाहेडी गांव का तालाब भी एक है। ----बाक्स----

क्या कहते अधिकारी

पंचायतीराज विभाग के अधीक्षण अभियंता परमिद्र सैनी का कहना है कि औंगद गांव की सैंक्शन इसी सप्ताह आने की उम्मीद है। 150 की सैंक्शन आफिस में मौजूद है। 30 से 35 की आने वाली है, जिसमें औंगद गांव का नाम संभव है। फिर भी किसी गांव का लिस्ट में नाम नहीं आया और ओवरफ्लो की समस्या गंभीर है तो बीडीपीओ के माध्यम से तालाब के पानी की निकासी करवाई जाएगी।


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