हाउस ने 46 दिन पहले पास कर दिया, आज तक कमेटी ही नहीं बनाई
जागरण संवाददाता, करनाल : हाउस की बैठक में पास प्रस्ताव पर निगम कितनी तत्परता से काम करता है इसका नमू
जागरण संवाददाता, करनाल : हाउस की बैठक में पास प्रस्ताव पर निगम कितनी तत्परता से काम करता है इसका नमूना देख लीजिए। 27 मार्च की बैठक में हंगामे के बावजूद पार्षदों ने डेयरी शि¨फ्टग के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया था। अधिकारियों ने प्लॉटों का नया लेआउट रखा तो इसे भी हरी झंडी दे दी। पहले अलॉट 37 प्लॉटों का ड्रॉ रद करने की सिफारिश की तो भी मना नहीं किया। प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नये नियम व शर्तो की स्वीकृति मांगी, वह भी फौरन दे दी। बावजूद इसके नतीजा रहा शून्य। 46 दिन यूं ही बीत गए, लेकिन आज तक कमेटी का गठन हीं नहीं किया, जबकि प्लॉट अलॉट होने से लेकर सभी काम इस कमेटी की देखरेख में होने हैं। अधिकारियों का एक ही जवाब है कि प्रोजेक्ट पर काम जारी है।
यही हाल रहा तो लटक जाएगा प्रोजेक्ट
डेयरी शि¨फ्टग के लिए बनने वाली कमेटी में अधिकारियों के साथ ही पार्षदों को भी शामिल किया जाएगा। मई के अंत में पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। जुलाई से पहले चुनाव संभव नहीं हैं। यानि इस प्रोजेक्ट पर अगस्त में जाकर ही आगे काम शुरू हो पाएगा। निगम ने तत्परता दिखाई होती तो 46 दिन में कमेटी गठित कर काफी काम किया जा सकता था। इसलिए निगम की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।
2003 की घोषणा आज तक अधूरी
2003 में शहरी नगर निकाय मंत्री ने पशु डेयरियों को शहर से शिफ्ट करने का ऐलान किया था। 14 साल बाद नवंबर 2017 में में 37 डेयरी संचालकों को प्लॉट अलॉट किए गए। बाद में इन्हें भी रद कर दिया गया। निगम 2.22 करोड़ रुपये इस डेयरी शि¨फ्टग प्रोजेक्ट पर खर्च कर चुका है। काम आज भी अधूरा है। प्रोजेक्ट पर अब तक खर्च
कार्य लागत
131 बीघा जमीन 1.09 करोड़
रजिस्ट्रेशन फीस 6.59 लाख
सीवरेज व सड़कों पर 52.85 लाख
सिविल वर्क पर 43.19 लाख
बिजली निगम को दिए 10.10 लाख
कुल 2.22 करोड़
नोट : हाल ही में 17.78 लाख रुपये दो कमरों पर खर्च किए गए हैं। कमरों के लिए 17.63 लाख का एस्टीमेट और तैयार किया गया है। इसके अलावा इंटरलॉ¨कग पेबर ब्लॉक टाइलों पर 93.44 लाख रुपये और खर्च किए जाएंगे। फोटो----23 नंबर है।
हाउस ने पास कर दिया, फिर देरी क्यों : मेयर
मेयर रेनू बाला गुप्ता ने कहा कि 27 मार्च की बैठक में पार्षदों ने डेयरी शि¨फ्टग के प्रोजेक्ट को पास कर दिया था। शहर के लिए जरूरी था इसलिए हंगामे के बावजूद इसे नहीं रोका। अधिकारियों से बात करेंगे कि अभी तक कमेटी बनाकर इसे आगे क्यों नहीं बढ़ाया गया। फोटो---24 नंबर है।
पार्षद इसलिए ही तो गुस्सा होते हैं : मनोज वधवा
डिप्टी मेयर मनोज वधवा ने कहा कि निगम के अधिकारी हाउस की गरिमा को समझें। पार्षदों के पास करने के बाद भी काम लटका दिए जाते हैं। बीती दो बैठकों में पार्षदों ने जो हंगामा किया वह इसका ही तो नतीजा है। वर्जन
¨पगली गांव में शहर की डेयरियों को शिफ्ट करने के लिए पहले कमेटी बनाई जाएगी। इसमें निगम अधिकारियों के साथ ही पार्षद भी शामिल होंगे। अभी इसका गठन नहीं किया गया है।
बल ¨सह, सेक्रेटरी, नगर निगम करनाल