पेंशन लगवाने को सिस्टम के उलझन में 84 वर्षीय बुजुर्ग करेशन, नहीं हो रही सुनवाई
सरकार की योजनाओं को जन-जन तक लाभ मिले यह केवल घोषणाओं तक ही सीमित है। क्षेत्र के 84 वर्षीय बुजुर्ग करेशन की अभी तक बुढ़ापा पेंशन नहीं लगी है। न वो ठीक से चल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं। दिन में दो वक्त का भोजन भी लोगों से मांग कर गुजारा करना पड़ रहा है लेकिन सत्ताधारी नेता विकास और योजनाओं का राग अलापते थकते नहीं हैं।
रोहित लामसर, तरावड़ी
सरकार की योजनाओं को जन-जन तक लाभ मिले यह केवल घोषणाओं तक ही सीमित है। क्षेत्र के 84 वर्षीय बुजुर्ग करेशन की अभी तक बुढ़ापा पेंशन नहीं लगी है। न वो ठीक से चल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं। दिन में दो वक्त का भोजन भी लोगों से मांग कर गुजारा करना पड़ रहा है, लेकिन सत्ताधारी नेता विकास और योजनाओं का राग अलापते थकते नहीं हैं। करोड़ों-अरबों का विकास करवाने वाली सरकार के सिस्टम में 84 वर्ष की उम्र में करेशन को अपने बुजुर्ग होने का प्रमाण साबित करना मुश्किल हो रहा है। उलझन इतनी है कि लाचारी के आंसू भी किसी अधिकारी या नेता की मदद नहीं जुटा पाए।
उन्होंने पेंशन के लिए कई बार आवेदन किया, लेकिन कागज तो फाइलों में दब गए, जिससे बुजुर्ग की पेंशन आज तक नहीं बन पाई। सरकारी सिस्टम को करेशन समझ नहीं सकते और क्षेत्र में सर्तक सत्ताधारी वर्कर भी उनकी इस मजबूरी को अभी तक नहीं समझ सके हैं। एक-एक वोट को बटोरने में लगे वर्कर बुजुर्ग की मदद नहीं कर पाए हैं। हालात ये हैं कि इस उम्र में बुजुर्ग अपनी जरूरत के लिए राशन कार्ड और वोटर कार्ड बनवाने के लिए धक्के तक खा चुके हैं, लेकिन जिदगी के इस पड़ाव में अब थक कर हार चुके हैं।
कांपती आवाज में करेशन बताते हैं कि बेटा अगर मेरी वोट नहीं है तो क्या मेरी कोई मदद नहीं करेगा। सभी प्रधानों व अफसरों के हाथ जोड़ लिए हैं कोई मदद के लिए आगे नहीं आया है। नेता या वर्कर अगर बुजुर्गों को सुविधाएं देने का गुणगान कर रहे हैं तो मुझे भी पेंशन मिल सकती है। मेरी सिफारिश नहीं है इसलिए सरकारी विभाग में सुनवाई नहीं हो रही है। वोटर कार्ड बनवाने के लिए भी काफी धक्के खाए, कई बार नगरपालिका के चक्कर काटे, लेकिन वोट और राशन कार्ड कुछ नहीं बना।
विधायक भगवानदास कबीरपंथी ने कहा कि अगर ऐसा कोई मामला मेरे क्षेत्र में है तो मैं तुरंत उनका मेडिकल करवाकर एक माह के भीतर बुजुर्ग की पेंशन बनवा दी जाएगी।