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करदाताओं के लिए बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन कानून समझना जरूरी

जागरण संवाददाता, करनाल : देशभर में करदाताओं के लिए अब नए बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन क

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Feb 2018 05:33 PM (IST)Updated: Tue, 06 Feb 2018 05:33 PM (IST)
करदाताओं के लिए बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन कानून समझना जरूरी
करदाताओं के लिए बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन कानून समझना जरूरी

जागरण संवाददाता, करनाल : देशभर में करदाताओं के लिए अब नए बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन कानून को समझना अत्यंत आवश्यक है। अखिल भारतीय कर व्यवसायी संघ के सदस्य अधिवक्ता शक्ति ¨सह ने बताया कि आयकर विभाग ने अपने अधिकारियों को इस कानून के तहत अब कार्यवाही प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। सरकार का मानना है कि उसे इस कानून के अमल में लाने से तीन लाभ होंगे। जिनमें ब्लैक मनी और टैक्स चोरी पर नियंत्रण होगा व बैंक और अन्य देनदारी से बचने के लिए अपनी प्रोपर्टी किसी अन्य के नाम करवाने से रिकवरी में आने वाली समस्या पर अंकुश लगेगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भीम ¨सह केस में बेनामी ट्रांजेक्शन का अर्थ स्पष्ट किया है। इस कानून को समझने के लिए प्रोपर्टी, बेनामी ट्रांजेक्शन, बेनामीदार व बेनेफिशयल मालिक शब्दों का अर्थ जानना बहुत आवश्यक है। पारिवारिक ट्रांजेक्शन कुछ शर्तों के पूरा होने पर इस धारा में कवर नहीं होंगे। पावर आफ अटार्नी के मामले में तीन शर्तों के पूरा होने पर प्रॉपर्टी बेनामी नहीं मानी जाएगी।

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कोई प्रोपर्टी बेनामी पाई जाती है तो क्या होगा

बेनामी कानून में कोई प्रोपर्टी बेनामी पाई जाती है तो कार्रवाई के संबंध में कठोर नियम बनाए गए है। इसमें एक से सात साल तक की जेल, प्रोपर्टी की मार्केट वैल्यू का 25 प्रतिशत जुर्माना व प्रोपर्टी को सरकर द्वारा जब्त कर लेना शामिल है।


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