Haryana Weather: हरियाणा में 31 मई तक बरसेंगे मेघ, इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी; जानें मौसम का पूरा अपडेट
राज्य में मई की विदाई जहां अच्छी बरसात से हो रही है वहीं अगले महीने वर्षा औसत सामान्य से कम रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने फिलहाल इसे 92 प्रतिशत तक आंका है। जबकि सामान्य वर्षा का औसत 96 प्रतिशत से आरंभ होता है।
करनाल, जागरण संवाददाता। मौसमी परिवर्तनशीलता का दौर अभी जारी रहेगा। इसके तहत सोमवार को एक और नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय होने जा रहा है। वहीं इसी क्रम में जून में भी एक पश्चिमी विक्षोभ आएगा। ताजा विक्षोभ से तीन दिन तक हरियाणा के विभिन्न हिस्सों सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्री-मॉनसून गतिविधियां जारी रहेगी। इस बीच सोमवार दोपहर हुई वर्षा से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। लोगों को गर्मी से राहत मिली।
नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने, हल्की से मध्यम वर्षा व एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि की गतिविधियां जारी रहने की संभावना बनी है। जून के पहले सप्ताह में आने वाले विक्षोभ से उत्तरी मैदानी राज्यों में हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में प्री-मॉनसून गतिविधियां चलेंगी। इस बीच चार जून को मॉनसून केरल में दस्तक देगा।
कल फिर होगी बारिश
मौसम विभाग ने 30 मई को उत्तरी हरियाणा में करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर जिलों में अच्छी वर्षा की संभावना जताई है। अन्य जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। बता दें कि करनाल में इस साल मई तक कुल 228.5 एमएम वर्षा हो चुकी है। सर्वाधिक 96.2 एमएम वर्षा मार्च में हुई जबकि मई में अब तक यह आंकड़ा 71.5 एमएम तक पहुंच चुका है।
मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। एक जून तक मौसम ऐसा ही बना रहने के आसार हैं। इस बीच बीते दिनों शुरू हुए नौतपा का कोई असर नहीं दिख रहा है। आम तौर पर इन दिनों तेज गर्मी, लू व उमस से लोग बेहाल रहते थे, लेकिन इस बार नजारा पूरी तरह बदला हुआ है। मौसमी परिवर्तनशीलता के चलते दिन और रात का तापमान भी सामान्य से नीचे बना हुआ है।
जून में कम वर्षा से खेती पर असर
राज्य में मई की विदाई जहां अच्छी बरसात से हो रही है, वहीं अगले महीने वर्षा औसत सामान्य से कम रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने फिलहाल इसे 92 प्रतिशत तक आंका है। जबकि सामान्य वर्षा का औसत 96 प्रतिशत से आरंभ होता है। सामान्य से वर्षा कम होने की स्थिति में 15 जून से होने वाली धान की रोपाई प्रभावित होनी तय है। पूरे राज्य में इस बार 12 से 15 लाख हेक्टेयर में धान रोपाई का अनुमान है। वर्षा कम होने के कारण किसानों को धान की खेती में पानी के लिए पंप सेट लगाने पड़ेंगे, जिससे लागत बढ़ेगी।