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Haryana Rice Scam: मिल संचालकों की बढ़ी धड़कनें, लिखित आदेश के इंतजार में अधिकारी

Haryana Rice Scam चावल घोटाले में राइस मिल संचालकों पर कार्रवाई की अफसरों ने पूरी तैयारी कर ली है। अफसरों को बस लिखित आदेशों का इंतजार है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 01:38 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 01:39 PM (IST)
Haryana Rice Scam: मिल संचालकों की बढ़ी धड़कनें, लिखित आदेश के इंतजार में अधिकारी
Haryana Rice Scam: मिल संचालकों की बढ़ी धड़कनें, लिखित आदेश के इंतजार में अधिकारी

जेएनएन, करनाल। Haryana Rice Scam: चावल घोटाले की जद में आए राइस मिल संचालकों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। एसीएस पीके दास के आदेशानुसार आगामी कार्रवाई को अमलीजामा पहनाने के लिए विभागीय अधिकारी भी कमर कस चुके हैं, ताकि यह तय किया जा सके कि जिन-जिन राइस मिल में स्टॉक की कमी है, वह कितना चावल अदा कर पाएंगे और नहीं कर पाएंगे तो उन पर किसी तरह की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसमें एक बात साफ स्पष्ट है कि जिनकी रिकवरी ज्यादा है, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। हालांकि विभाग के अधिकारी इस मामले में अभी कुछ बताने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि मुख्यालय से लिखित आदेश आने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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दैनिक जागरण द्वारा चावल घोटाला उजागर किए जाने के बाद दो स्तरीय जांच शुरू हुई थी। एक जांच एडीसी अशोक बंसल के नेतृत्व में और एक जांच डीएफएससी निशांत राठी के नेतृत्व में हुई थी। एडीसी की ओर गठित राइस मिल ने उन्हीं राइस मिलों की जांच की थी, जिनकी चावल की रिकवरी 60 प्रतिशत से कम हुई थी। इस तरह की कुल 41 राइस मिल थी। इनमें से पांच राइस मिल के स्टॉक में कमी मिली थी। एक राइस मिल संचालक ने रजिस्टर नहीं दिखाया था तो एक राइस मिल पर ताला लगा मिला था, जबकि डीएफएससी की ओर गठित टीम ने उन राइस मिल की जांच की थी, जिन्होंने 90 प्रतिशत से कम चावल दिया था।

जांच में 12 राइस मिल में धान कम मिला था और 45 में चावल कम था। दोनों जांच रिपोर्ट मुख्यालय जाने के बाद एसीएस पीके दास ने आगामी कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए थे। डीएफएससी निशांत राठी के अनुसार मुख्यालय से अभी आगामी कार्रवाई के लिखित आदेश नहीं आए हैं। लिखित आदेश अनुसार आगामी कार्रवाई की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाएंगे।

रिकवरी की खातिर लिए हैं तीन निर्णय

एसीएस पीके दास ने मंगलवार को बताया था कि जिन मिल में जितना स्टॉक कम है, उतना ही कम माना जाएगा। स्टॉक के एवज में मिल में जितना धान था, उसका चावल लिया जाएगा। बाहर से खरीदा चावल मिलर्स से नहीं लिया जाएगा। उसकी रिकवरी ब्याज सहित की जाएगी। बड़े पैमाने पर सरकारी चावल की अदायगी नहीं करने वाले मिल संचालकों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। रिकवरी की पूरी राशि नहीं मिलने पर प्रॉपर्टी अटैच की जाएगी।


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