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ग्रुप-डी में पुरानी पॉलिसी के तहत ग्रेडेशन वाले खिलाड़ियों की खतरे में नौकरी

ग्रुप-डी के लिए भर्ती हुए खिलाड़ियों की नौकरी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। 25 मई 2018 की पॉलिसी के तहत ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की मांगे गए हैं। मुख्य सचिव कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार नई पॉलिसी के तहत ग्रेडेशन न दे पाने वाले खिलाड़ियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 09:21 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 09:21 AM (IST)
ग्रुप-डी में पुरानी पॉलिसी के तहत ग्रेडेशन वाले खिलाड़ियों की खतरे में नौकरी
ग्रुप-डी में पुरानी पॉलिसी के तहत ग्रेडेशन वाले खिलाड़ियों की खतरे में नौकरी

जागरण संवाददाता, करनाल : ग्रुप-डी के लिए भर्ती हुए खिलाड़ियों की नौकरी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। जनवरी में भर्ती हुए खिलाड़ियों से 25 मई 2018 की पॉलिसी के तहत ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की मांगे गए हैं। हरियाणा के मुख्य सचिव कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार नई पॉलिसी के तहत ग्रेडेशन न दे पाने वाले खिलाड़ियों को 31 अगस्त के बाद नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। जनवरी 2018 में जींद उपचुनाव से पहले राज्य सरकार की ओर की ओर से ग्रुप-डी के लिए 18,218 युवकों का चयन किया गया था, जिसमें 1518 पद खिलाड़ियों के लिए मान्य थे। नियुक्ति से लेकर अब तक खिलाड़ी ईएसपी एल्जिबल स्पो‌र्ट्स पर्सन और आउट स्टेडिग स्पो‌र्ट्स पर्सन की उलझन में फंसे हुए हैं।

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पुरानी पॉलिसी को नहीं दी जा रही मान्यता

खेल कोटे से नियुक्त मुकेश जमाल ने बताया कि ग्रुप-डी के दौरान अपने खेल का ग्रेडेशन सर्टिफिकेट लगा नियुक्ति ले चुके हैं जबकि अब ईएसपी एल्जिबल स्पो‌र्ट्स पर्सन और आउट स्टेडिग स्पो‌र्ट्स पर्सन के फेर में उलझाया जा रहा है। पुरानी पॉलिसी के तहत प्रदेश में स्कूल से लेकर राष्ट्रीय स्तर की गेम की ग्रेडेशन तैयार कर दी जाती थी और मेरिट के आधार पर खिलाड़ी को नौकरी मिल जाती थी। एक आंकलन के अनुसार प्रदेश के लगभग 12 हजार से अधिक खिलाड़ियों के पास पुरानी पॉलिसी के तहत (आउट स्टेडिग स्पो‌र्ट्स पर्सन) ग्रेडेशन है, जबकि नई पॉलिसी में केवल 350 ग्रेडेशन बनाई गई हैं।

आठ माह से नौकरी की इंतजार में खिलाड़ी

वेटिग उम्मीदवार खिलाड़ी अमित, गौरव, सुनील सिंह, हाकम सिंह, मनदीप, रविद्र ने बताया कि खेल कोटे की 1518 पदों पर नौकरी के लिए जनवरी से इंतजार कर रहे हैं। इससे पहले बिना ग्रेडेशन की नियुक्तियों पर सवाल खड़ा हुआ था और अब नई पॉलिसी के तहत ग्रेडेशन की मांग की जा रही है। एसएससी की ओर से अगर दस्तावेजों की पहले ही जांच की जाती तो आज पारदर्शी तरीके से खिलाड़ियों को नौकरी मिल सकती थी और आठ माह तक इंतजार नहीं करना पड़ता। अधिकारियों की लापरवाही के कारण बिना ग्रेडेशन के खिलाड़ियों का मैरिट में चयन कर लिया गया।

नई पॉलिसी के तहत ग्रेडेशन

स्टाफ सिलेक्शन कमिश्नर चेयरमैन भारत भूषण भारती ने बताया कि हरियाणा के मुख्य सचिव कार्यालय से नई पॉलिसी के तहत ग्रेडेशन के लिए 31 अगस्त तक का कर्मचारियों का समय दिया गया है। मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती है।

कर्ण स्टेडियम खेल अधिकारी राजीव कुमार के अनुसार विभाग के आदेश के अनुसार नई ग्रेडेशन पॉलिसी (25 मई 2018) के आधार पर ही सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। अगर कोई खेल पैनल में नहीं आ रहा है तो सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सकता।


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