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सरल केंद्र पर बारिश के बावजूद शिकायत लेकर जमे रहे लोग

जागरण लाइव जागरण संवाददाता, करनाल : लघु सचिवालय स्थित सरल केंद्र में सीएम ¨वडो पर सुबह स

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 06:22 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 01:12 AM (IST)
सरल केंद्र पर बारिश के बावजूद शिकायत लेकर जमे रहे लोग
सरल केंद्र पर बारिश के बावजूद शिकायत लेकर जमे रहे लोग

जागरण संवाददाता, करनाल : लघु सचिवालय स्थित सरल केंद्र में सीएम ¨वडो पर सुबह से बारिश के बावजूद लोग शिकायत लेकर दोपहर तक जमे रहे। मुख्यमंत्री तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए जनवरी में 265 शिकायतें पहुंची हैं। इनमें से अधिकतर शिकायतें पुलिस कार्यप्रणाली, जमीन के मसले या फिर सरकारी कार्यालयों की अनदेखी की थी। मंगलवार को सीएम ¨वडो में 10 शिकायतें जमा की गई। सभी शिकायतों को सीएम सेल चंडीगढ़ में भेजने के साथ 30 दिन में समाधान का आश्वासन दिया गया। आवास योजना में नहीं मिली ग्रांट

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मोदीपुर में रहने वाली दर्शना और बिल्लो ने बताया कि आवास योजना के लिए पिछले डेढ़ साल से चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से मदद नहीं मिल रही है। मकान काफी नीचे हैं और बारिश के दिनों में पानी जमा हो जाता है। अधिकारी गरीब की समस्या को समझते नहीं हैं। काफी भटकने के बाद अब सीएम ¨वडो में शिकायत देने पहुंचे हैं, जिससे कि सरकार से आर्थिक मदद मिल सके। पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

गगसीना निवासी अंजू ने बताया कि शिकायत देने के बावजूद पुलिस कार्रवाई नहीं करती है। अंजू ने बताया कि उसके साथ गांव में मारपीट हुई थी, इस संबंध में पुलिस को सूचना भी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री तक अपनी आवाज पहुंचाना चाहती हूं। पति की मौत हुए काफी समय हो गया औरबेटा भी छोटा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा। खेल कोटे का नहीं मिला लाभ

गांव नेवल निवासी वेट लिफ्टिंग खिलाड़ी मनदीप कुमार ने बताया कि सरकारी नौकरी के लिए खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जानी चाहिए। ग्रुप डी की भर्ती में दस्तावेजों की वेरिफिकेशन होनी चाहिए थी। वेरिफिकेशन न होने के कारण काफी युवक नौकरी पाने से रह गए हैं। सीएम ¨वडो में अर्जी देकर अपील की है कि दस्तावेजों की वेरिफकेशन हो। गोल्डन कार्ड मे बावजूद नहीं मिला इलाज

गांव नरैना निवासी मनीषा देवी ने बताया कि पति की बीमारी पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल के बाहर आयुष्मान कार्ड धारक के लिए सुविधा का बोर्ड भी लगा है, बावजूद इसके पति के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये खर्च कर चुकी हूं। डाक्टर को आयुष्मान कार्ड भी दिखाया, लेकिन लाभ नहीं हुआ। अब पैसे खत्म हो गए हैं और पति ठीक नहीं हुए।


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