सरकार ने आशा वर्कर के साथ किए समझौते को नहीं किया लागू : सुदेश
सरकार ने आशा वर्करों के साथ किए गए समझौते को अभी तक लागू नहीं किया गया, जिससे वर्करों में भारी रोष पनप रहा है। शनिवार को आशा वर्कर दूसरे दिन भी सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी। सरकार को झूठा बताते जोरदार नारे लगाए गए।
जागरण संवाददाता, करनाल : सरकार ने आशा वर्करों के साथ किए गए समझौते को अभी तक लागू नहीं किया गया, जिससे वर्करों में भारी रोष पनप रहा है। शनिवार को आशा वर्कर दूसरे दिन भी सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी। सरकार को झूठा बताते जोरदार नारे लगाए गए।
जिला प्रधान सुदेश ने कहा कि आशा वर्करों द्वारा पूर्व में हड़ताल पर रहते हुए सरकार द्वारा समझौता किया गया था, जिसमें वेतन वृद्धि आदि तमाम मांगों पर सहमति बनी थी, मगर सरकार द्वारा वादाखिलाफी करते हुए समझौते को लागू करने में देरी की जा रही है। आशा वर्करों ने हड़ताल कर सरकार की नींद खोलने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार के टरकाऊ रवैये को आशा वर्कर सहन नहीं करेंगी। सर्व कर्मचारी संघ की ओर से समर्थन देने पहुंचे सुशील गुर्जर और ओमप्रकाश माटा ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है सर्व कर्मचारी संघ उनके साथ खड़ा है। आशा वर्करों ने ऐलान किया है कि 11 जून को शहर में छत्तरी और खाली थालियां हाथों में उठाकर प्रदर्शन करेंगी। सरकार को नींद से जगाने के लिए यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस अवसर पर सुनीता, संतोष, सुरेशो, लाजवंती, पूनम, सुनीता, सीमा, लक्ष्मी, सुमन, लख¨वद्र, रूपा, मीना, सुमन सुभरी, सुनीता, राज बाला, जरासो, रोशनी, सुदेश, सरोज व मीना मौजूद रहीं।