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56 करोड़ रुपये से आएंगे एग्रो माल के अच्छे दिन

यशपाल वर्मा, करनाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट नई अनाज मंडी के पास बने एग्रो माल के लिए अच्छे दिन लेकर आया है। प्रोजेक्ट में एग्रो मॉल को महत्व दिया गया है। योजनानुसार यहां खेती-किसानी की आधुनिक सोच के साथ किसानों के लिए कृषि यंत्रों, खाद, बीज, दवाइयों की प्रदर्शनी सहित अन्य कृषि उत्पादन यहां बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 01:43 AM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 01:43 AM (IST)
56 करोड़ रुपये से आएंगे एग्रो माल के अच्छे दिन
56 करोड़ रुपये से आएंगे एग्रो माल के अच्छे दिन

यशपाल वर्मा, करनाल

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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट नई अनाज मंडी के पास बने एग्रो माल के लिए अच्छे दिन लेकर आया है। प्रोजेक्ट में एग्रो मॉल को महत्व दिया गया है। योजनानुसार यहां खेती-किसानी की आधुनिक सोच के साथ किसानों के लिए कृषि यंत्रों, खाद, बीज, दवाइयों की प्रदर्शनी सहित अन्य कृषि उत्पादन यहां बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए नगर निगम ने फाइल को अप्रूवल के लिए सरकार के पास भेजा है। एग्रो मॉल को विकसित करने के लिए लगभग 56.03 करोड़ रुपये खर्च करने की बोर्ड ने सहमति दी है। करनाल शहर धान खासकर बासमती के विदेशों में निर्यात का केंद्र है। इसलिए सरकार का भी प्रयास रहेगा कि इस मॉल को प्रदर्शनी स्थल और बिक्री केंद्र के रूप में इस्तेमाल हो सके। 15 हजार 694 वर्ग मीटर क्षेत्र में है एग्रो माल

नई अनाज मंडी परिसर में हरियाणा राज्य कृषि विपणन मंडल की ओर से 15 हजार 694 वर्ग मीटर क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट को तैयार किया है। लगभग 47 करोड़ 28 लाख रुपये की लागत से इसका निर्माण कराया है। एग्रो माल में एक बेसमेंट और चार फ्लोर बनाए हैं। एग्रो माल के ग्राउंड फ्लोर पर 86 दुकानें बनाई हैं। दो फ्लोरों को ओपन रखा गया है। इसमें कुछ दुकानों का निर्माण होना शेष है। एग्रो मॉल के टॉप फ्लोर पर 46 कार्यालय बनाए हैं। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा के कार्यकाल में 2008 में एग्रो मॉल बनाने की रूपरेखा तैयार की गई थी और सभी एग्रो मॉल का निर्माण कार्य 2013-14 में पूरा हो गया था। पूर्व कांग्रेस सरकार ने उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन यह प्रोजेक्ट कैसे आगे बढ़ेगा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। यदि मनोहर सरकार की बात करें तो इस सरकार ने भी करोड़ों रुपये के इस प्रोजेक्ट को शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। मनोहर सरकार का था बेचने का मन

बता दें कि करीब 200 करोड़ रुपये से प्रदेश में रोहतक, पंचकूला, करनाल और पानीपत में मॉल बनाए थे। सफेद हाथी साबित हो चुके चारों मॉल को पांच माह पहले मनोहर सरकार बेचने का मन बना चुकी थी। इन एग्रो माल की दुकानें महंगी होने के कारण न तो कोई किराये पर लेता था न खरीदता था। फिलहाल प्रदेश के चारों मॉल बंद जैसे ही हैं और राज्य सरकार ने दूसरे विकल्प तलाश कर रही है। वर्जन

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हमारी योजना है कि एग्रो माल ट्रांसफर हो जाए। यहां कृषि से संबंधित किसानों को जानकारी दी जा सके। विदेश से कृषि के माहिर समय-समय पर किसानों को बेहतर गुणवत्ता की जानकारी दे सकेंगे। इसके अलावा, किसान मेले लगाकर उन्हें आधुनिक तकनीक से अवगत करवाया जाएगा। अभी फाइल अप्रूवल के लिए भेजी गई है।

राजीव मेहता, निगम आयुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड वर्जन

भाजपा सरकार ने इन सभी माल को कॉमर्शियल करने की योजना बनाई थी, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। कांग्रेस सरकार का एग्रो माल बनाने का उद्देश्य किसानों को एक ही छत के नीचे सुविधाएं उपलब्ध कराना, बीज, खाद और दवा की दुकानें खोलना, कृषि उपकरणों की बिक्री करना और विशेष उत्पादों की बिक्री की अनुमति देना था। हमारा उद्देश्य प्रदेश के किसानों को सहुलियत देना था।

भूपेंद्र ¨सह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा


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