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घरौंडा में मुश्किल है विपक्षियों की डगर

घरौंडा से विधानसभा पहुंचने की राह विपक्षियों के लिए बहुत मुश्किल है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 08:23 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 06:29 AM (IST)
घरौंडा में मुश्किल है विपक्षियों की डगर
घरौंडा में मुश्किल है विपक्षियों की डगर

यशपाल वर्मा, करनाल

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घरौंडा से विधानसभा पहुंचने की राह विपक्षियों के लिए बहुत मुश्किल है। यहां से विपक्षी भाजपा के किले में सेंध लगाने की जुगत भिड़ा रहे हैं तो विधायक हरविद्र कल्याण इतिहास दोहराने पर नजर गढ़ाए हैं। हलके में हुए विकास कार्यों और साफ छवि को लेकर कल्याण जनता के बीच में है। इस सीट पर कल्याण का मुख्य मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी अनिल राणा से है। पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान ने कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन प्रदान कर दिया है। बावजूद इसके अब भी अनिल राणा को खासी मशक्कत करने की जरूरत है। जजपा से उमेश कश्यप, इनेलो मनिद्र राणा और बसपा मेहर सिंह संधू भी मैदान में डटे हैं। यहां से अब तक ये रहे विधायक

वर्ष विजेता पार्टी रनरअप पार्टी

1967 एमचंद कांग्रेस आर सिंह भारतीय जनसंघ

1968 रणधीर सिंह भारतीय जन संघ रुलिया राम एसडब्ल्यूए

1972 रुलिया राम एनसीओ जिला सिंह कांग्रेस

1977 रामपाल सिंह जेएनपी ओमप्रकाश आजाद

1982 वेदपाल कांग्रेस ओमप्रकाश आजाद

1987 पीरूराम एलकेडी वेदपाल कांग्रेस

1991 रामपाल सिंह कांग्रेस ओमप्रकाश भाजपा

1996 रमेश भाजपा रमेश कुमार राणा एसएपी

2000 रमेश राणा इनेलो जयपाल शर्मा आजाद

2005 रेखा राणा इनेलो जयपाल शर्मा आजाद

2009 नरेंद्र सांगवान इनेलो वरिद्र सिंह आजाद

2014 हरविद्र कल्याण भाजपा नरेंद्र सांगवान इनेलो इस समय ये प्रत्याशी लड़ रहे चुनाव

पार्टी प्रत्याशी का नाम

भाजपा हरविद्र कल्याण

कांग्रेस अनिल राणा

जजपा उमेश कश्यप

इनेलो मनिद्र राणा

बसपा मेहर सिंह संधू इकलौती महिला विधायक बनीं थीं इनेलो की रेखा राणा

प्रदेश की राजनीति और हाईवे बेल्ट पर घरौंडा विधानसभा का मुकाबला दिनोंदिन रोचक होता जा रहा है। राजनीतिक बुद्धिजीवियों को भी अब धरातल पर उतरकर सच देखने को मजबूर हैं। क्षेत्र में इनेलो का जब दौर था तो 2005 में रेखा राणा ने इनेलो से 25237 मत हासिल कर आजाद प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज की। क्षेत्र के वोटरों में महिलाओं की आधी आबादी है और जिसका फायदा इनेलो पूर्व विधायक रेखा राणा सीट जीत कर साबित कर चुकी हैं। घरौंडा के इतिहास में वह इकलौती विधायक रही हैं। समय बदलाव के साथ लोगों की विचाराधारा भी बदली। यही कारण रहा कि 2005 के चुनाव में कांग्रेस से टिकट लेकर चुनावी रण में उतरी रेखा विजयी रही। 2014 में ढह गया था इनेलो का किला

वर्ष 1996 में भाजपा के प्रत्याशी रमेश को क्षेत्र से जीत हासिल हुई थी। इसके बाद तीन बार लगातार इलाके के लोगों ने कांग्रेस और भाजपा से मुंह मोड़ कर तीन बार इनेलो पर भरोसा जताया। इसी दौर में रेखा राणा ने भी राजनीतिक इतिहास में महिला विधायक का रिकॉर्ड कायम किया। वर्ष-2000 में रमेश राणा इंडियन नेशनल लोकदल, 2005 में रेखा राणा इंडियन नेशनल लोकदल और 2009 में नरेंद्र सांगवान ने इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। वर्ष 2014 में हाईवे बेल्ट पर इस सीट के मुकाबले पर सबकी नजरें थीं, लेकिन लोगों ने साफ छवि के भाजपा प्रत्याशी हरविद्र कल्याण को 55247 मत डालकर दमदार जीत के साथ विधायक की कुर्सी सौंपी, जबकि इससे पहले कभी जनता ने किसी प्रत्याशी को इतना वोट नहीं किया था। 24 हजार 403 नए वोटर निभाएंगे अहम भूमिका

घरौंडा विधानसभा चुनाव में कुल 2 लाख, 16 हजार 528 मतदाता है। 1 लाख 15 हजार 431 पुरुष, एक लाख, एक हजार 94 महिला व तीन थर्ड जेंडर मतदाता है। इस बार 3,535 युवा ऐसे हैं, जो विधानसभा चुनाव में पहली बार अपनी वोट का इस्तेमाल करेंगे। वर्ष 2014 में 1 लाख, 92 हजार, 125 मतदाता रहे थे। युवाओं के साथ नए वोटरों की संख्या 24 हजार 403 मतदाताओं की बढ़ी है।, जोकि प्रत्याशियों ने जीत के लिए बनाई भूमिका को बदल सकते हैं। छात्रा

मनीषा, नेहा, ईशा ने बताया कि पिछली सरकारों के मुकाबले भाजपा सरकार ने क्षेत्र में कॉलेज, आइटीआइ, हेल्थ यूनिवर्सिटी दी है। भाजपा को एक बार मौका देना चाहिए।


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