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फूड सेफ्टी ऑफिसर ने तबादला कराने के लिए दी रिश्वत

सीआइए टू ने संजय नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। इस पर आरोप है कि उसने उच्च अधिकारी का पीए बताकर फूड सेफ्टी ऑफिसर का तबादला रुकवाने के नाम पर 20 हजार रुपये लिए हैं। जांच टीम ने दावा किया कि आरोपित से 10 हजार रुपये भी बरामद किए गए हैं। शिकायतकर्ता फूड ऑफिसर का नाम पुलिस की जांच टीम छिपा रही है। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या तबादला रुकवाने के नाम पर पैसा देना सही है या इसमें भी कानून टूटा है। यदि टूटा है तो फिर इस ऑफिसर के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं?

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 02:10 AM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 02:10 AM (IST)
फूड सेफ्टी ऑफिसर ने तबादला कराने के लिए दी रिश्वत
फूड सेफ्टी ऑफिसर ने तबादला कराने के लिए दी रिश्वत

जागरण संवाददाता. करनाल : सीआइए टू ने संजय नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। इस पर आरोप है कि उसने उच्च अधिकारी का पीए बताकर फूड सेफ्टी ऑफिसर का तबादला रुकवाने के नाम पर 20 हजार रुपये लिए हैं। जांच टीम ने दावा किया कि आरोपित से 10 हजार रुपये भी बरामद किए गए हैं। शिकायतकर्ता फूड ऑफिसर का नाम पुलिस की जांच टीम छिपा रही है। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या तबादला रुकवाने के नाम पर पैसा देना सही है या इसमें भी कानून टूटा है। यदि टूटा है तो फिर इस ऑफिसर के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं?

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तो क्या इतना मासूम है फूड ऑफिसर

शिकायत के लिए इस अधिकारी ने पुलिस को जो बयान दिया है, इसमें उसने खुद को मासूम बताने की पूरी कोशिश की है। उसने बताया कि कुछ महीने पहले उनकी तबादला करनाल से पलवल हो गया था। इसी बीच एक व्यक्ति उसे फोन करता है, जो स्वयं को उच्च अधिकारियों का पीए बताता है। वह व्यक्ति अपना नाम संजय कुमार बताता है और कहता है कि वह उसका तबादला करनाल करवा देगा। जो वह मुझे मिलने के लिए बुलाता रहा पर मैं टाल मटोल करता रहा, लेकिन उसके बार-बार फोन करने पर मैं उसकी बातों में आकर दिनांक 11 सितंबर 2018 को निर्मल कुटिया चौक करनाल पर उससे मिला। तबादला कराने के नाम पर पांच लाख रुपये मांगे। मैंने उसे मना करते हुए कहा कि यह तो बहुत ज्यादा है, परंतु वह अपनी बातों के जाल में मुझे फंसाकर 20,000 रुपये मुझसे ले गया।

काम नहीं बना तो दी शिकायत

ऑफिसर ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन बाद उसने मुझे सचिवालय में कई उच्च अधिकारियों के नाम लेकर उनसे मिलने के लिए बुलाया, लेकिन मिलवाया किसी से नहीं। हर बार पैसे की डिमांड करते हुए मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश की। जब काम नहीं बना तो एक शिकायत थाना सिविल लाइन में दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की जिम्मेदारी सीआइए टू को सौंपी। एनडीआरआइ चौक से गिरफ्तार किया गया आरोपित जांच टीम ने छापामारी करते हुए आरोपित को एनडीआरआइ चौक से गिरफ्तार किया। जांच की तो पता चला कि आरोपित संजय कुमार पुत्र बलवंत ¨सह वासी गांव डोगरा स्टेट थाना सदर शिमला हिमाचल प्रदेश है। वह पहले एक न्यूज चैनल में भी काम कर चुका है। पुलिस ने बताया कि आरोपित लोगों के ट्रांसफर रुकवाने, करवाने और सस्पेंशन आदि खत्म कराने के नाम पर ठगी करता था।

सवाल जो इस कार्यवाही पर खड़े हो रहे हैं

इस अधिकारी ने तबादला कराने के नाम पर पैसे क्यों दिये। इस पर पुलिस कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है। यूथ फॉर चेंज के प्रदेश प्रभारी एडवोकेट राकेश सिहाग ने बताया कि सरकारी कर्मचारी यदि रिश्वत देता है तो उस पर भी कार्यवाही बनती है। उसने मांग की कि इस ऑफिसर के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए। क्योंकि यदि इसका तबादला किसी तरह से हो जाता तो क्या फिर भी यह पुलिस को शिकायत करता।


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