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रेन वाटर हार्वेस्टर व आईईसी गतिविधियों के लक्ष्यों पर फोकस

सिचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने जल संरक्षण रेन वाटर हार्वेस्टर जल श्रोतों का नवीकरण बोरवेल का पुर्नप्रयोग सघन पौधारोपण और आईईसी गतिविधियों के लक्ष्य पूरा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तीन अगस्त को प्रदेश के मुख्य सचिव इसी विषय पर सभी जिलों के साथ टारगेट और उसमें प्राप्ति को लेकर समीक्षा करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 07:18 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 07:18 AM (IST)
रेन वाटर हार्वेस्टर व आईईसी गतिविधियों के लक्ष्यों पर फोकस
रेन वाटर हार्वेस्टर व आईईसी गतिविधियों के लक्ष्यों पर फोकस

फोटो---50 नंबर है। - सिचाई एवं जल संसाधन विभाग के एसीएस ने दिया जोर

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जागरण संवाददाता, करनाल:

सिचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने जल संरक्षण, रेन वाटर हार्वेस्टर, जल श्रोतों का नवीकरण, बोरवेल का पुर्नप्रयोग, सघन पौधारोपण और आईईसी गतिविधियों के लक्ष्य पूरा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तीन अगस्त को प्रदेश के मुख्य सचिव इसी विषय पर सभी जिलों के साथ टारगेट और उसमें प्राप्ति को लेकर समीक्षा करेंगे। बेहतर होगा तब तक दिए गए लक्ष्यों को पूरा कर लें। एसीएस ने कहा कि सिचाई विभाग की ओर से प्रदेश के लिए जल संरक्षण योजना बनाई जा रही है। आगामी 31 जुलाई तक इसे मुकम्मल करना है। इसमें जल संचयन के लिए किए जा रहे काम और भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखकर सभी बिदु शामिल किए जाएंगे। अगली मीटिग तक अच्छी-खासी प्रगति दिखनी चाहिए। हर गांव में कृषि विभाग की ओर से जल के महत्व और संरक्षण विषय पर गोष्ठियां की जाएं। इसी प्रकार कृषि विज्ञान केंद्र गांवों में कृषि मेले लगाकर लोगों को जागरूक करें। हर पखवाड़े में जल संरक्षण पर कम से कम एक सफलता की कहानी हर जिले से प्रकाशित होनी चाहिए। आईईसी गतिविधियों के तहत पौधागिरी को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक स्कूली बच्चों को इससे जोड़ा जाए। गांव व शहरों में प्रभात फेरी निकाली जाएं। इसी प्रकार तरू यात्रा, नुक्कड़ नाटक और रेडियो जिगल से लोगों को जागरूक किया जाए।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव कुमार वीसी में उपस्थित हुए। उन्होंने एसीएस को बताया कि जिले में परम्परागत जल श्रोतों के पुर्ननिर्माण और उनकी गाद निकालने के लिए 124 तालाबों का लक्ष्य रखा गया था। इनमें जून अंत तक 69 तालाबों पर काम किया जा चुका है। जिले में एक हजार सोखते गढ्ढे बनाने के लक्ष्य के पीछे 750 बनाए जा चुके हैं। अभी इन पर काम चल रहा है। यह कार्य मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन के तहत करवाया जा रहा है। सीईओ ने बताया कि वन विभाग की ओर से उपलब्ध करवाए गए एक लाख 90 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं, इनमें मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन और पंचायतें शामिल हैं।


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