आसमान से बरस रही आग, झुलसा रही लू, राहत के आसार नहीं
आसमान से आग बरस रही है। साथ ही लू के थपेड़ों ने शरीर को झुलसाकर रख दिया है। सोमवार को तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। अगले दो से तीन दिन में तापमान 42.0 डिग्री पार कर सकता है। तापमान बढ़ने के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया है।
जागरण संवाददाता, करनाल : आसमान से आग बरस रही है। साथ ही लू के थपेड़ों ने शरीर को झुलसाकर रख दिया है। सोमवार को तापमान 39.2 डिग्री पर पहुंच गया। अगले दो से तीन दिन में तापमान 42.0 डिग्री पार कर सकता है। तापमान बढ़ने के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया है। गर्मी से बचने के लिए लोग तरह-तरह के प्रयास करते नजर आए।
इधर जिला अस्पताल में उल्टी-दस्त और डायरिया के मरीजों की तादात बढ़ गई है। गर्मी से बचने के लिए लोग घरों में कैद हो गए हैं। कूलर, एसी और पंखे के जरिये गर्मी से बचने का प्रयास किया जा रहा है। सूरज निकलने के बाद आठ बजे से गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। न्यूनतम तापमान भी 23.6 डिग्री पहुंच जाने से वातावरण गर्म हो गया। हर पल बढ़ रहा पारा बच्चों के लिए परेशानी खड़ा कर रहा है। बच्चे ही नहीं, बल्कि बुजुर्ग सहित हर उम्र के लोग अलग-अलग प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। मौसम के मिजाज में आ रही गरमी के कारण वायरस इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है। बच्चे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
चिकित्सकों की सलाह, खाली पेट ना निकलें
डॉ. संजीव ग्रोवर के मुताबिक इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है। बच्चों को समय-समय पर पानी पिलाते रहना चाहिए। खाली पेट ना निकलें। खासकर बच्चों को ये सलाह दी है कि वे धूप में पानी से ना खेलें। ज्यादा से ज्यादा वक्त घर के भीतर ही रहें। किसी भी उम्र की महिला या पुरुष, जब तक जरूरी काम न हो घर से ना निकलें। यदि निकलना आवश्यक हुआ तो भी खाली पेट भूलकर भी घर से बाहर न निकलें। छाछ, पानी और तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें। भोजन में सलाद की मात्रा बढ़ा लें। यह हो सकते हैं हीट स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण
बहुत तेज सिरदर्द, चक्कर आना और सर घूमना।
गर्मी के बावजूद पसीना न आना।
लाल-गर्म और सूखी स्कीन।
मांसपेशियों में कमजोरी लगना या ऐंठन का अनुभव।
उल्टी, धड़कन का तेज होना, सांस लेने तके तकलीफ।
घबराहट और बेचैनी, दौरे आना, बेहोशी की हालत। ऐसे करें बचाव
-हीट स्ट्रोक से प्रभावित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाएं।
-जब तक चिकित्सा सहायता नहीं मिलता तब तक ठंडी जगह में रखें।
-ढेर सारा पानी पिलाएं या रिहाइडेशन पेय दिए जा सकते हैं।
-धीरे-धीरे शरीर को बर्फ के पैक से ठंडा करें, ठंडा स्प्रे या ठंडे पानी से स्पंज करें।
-एक्सरसाइज करने से पहले और बाद पानी जरूर पीएं।
फल के जूस और पानी मिलाकर कम से कम 8 ग्लास तरल पदार्थ प्रतिदिन लें।
-हल्का तरल पौष्टिक भोजन खाएं। खाने में ककड़ी, तरबूज, नारियल, बेल को शामिल करें। पानी भी खूब पीएं।
- हल्के रंग के और ढीले सूती कपड़े पहनें।
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