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निरीक्षण करने में जुटी 53 टीम, काबू में हालात

जागरण संवाददाता करनाल जिले में बर्ड फ्लू का भले ही एक भी केस अब तक नहीं आया हो लेकिन

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 06:05 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 06:05 AM (IST)
निरीक्षण करने में जुटी 53 टीम, काबू में हालात
निरीक्षण करने में जुटी 53 टीम, काबू में हालात

जागरण संवाददाता, करनाल: जिले में बर्ड फ्लू का भले ही एक भी केस अब तक नहीं आया हो, लेकिन एहतियात के तौर पर पशुपालन और डेयरी विकास विभाग की 53 टीमों की सक्रियता बढ़ गई है।

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ये टीमें अब जिले के सभी 346 पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण कर बर्ड फ्लू से बचाव का संदेश देंगी। अभी तक जिले में महज कोहंड स्थित कैलाश पोल्ट्री फार्म से ज्यादा संख्या में मुर्गियों के मरने की सूचना है, लेकिन वह भी नियंत्रण में है। फिलहाल एहतियात के तौर पर कैलाश फार्म के साथ लगते एरिया को अलर्ट जोन जरूर घोषित किया गया है। अब तक मुर्गीपालन की यह है स्थिति

पशुपालन विभाग के मुताबिक जिले में 346 पोल्ट्री फार्म पर करीब 1.05 करोड़ मुर्गियां हैं। इनके बचाव को लेकर विभाग की तरफ से सभी फार्मों पर सघन निरीक्षण किया जा रहा है। जिस फार्म पर जिस चीज की कमी दिखाई देती है, फार्म मालिकों को सलाह दी जाती है। बर्ड फ्लू को लेकर लगातार हिदायतें दी जा रही हैं। पोल्ट्री फार्म मालिकों को दी हिदायत

उप निदेशक डा. धर्मेंद्र ने कहा कि बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए सभी पोल्ट्री फार्म मालिकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि एक फार्म से दूसरे फार्म पर जाने से बचें, क्योंकि यह पता नहीं लग पाता कि संक्रमण कैसे ओर कहां से आ जाए।वहीं दूसरी ओर पोल्ट्री फार्म पर काम करने वाले स्टाफ को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। बर्ड फ्लू से ऐसे करें बचाव

पक्षियों से सीधे संपर्क में ना आएं। उनकी बीट को ना छुएं। जहां पक्षी रहते हैं, वहां बिल्कुल ना जाएं। जो लोग अंडा या मुर्गी-मुर्गा खाते हैं, वे इसे खरीदने जाएं तो साफ-सफाई का ध्यान रखें। खरीदारी के वक्त और मीट काटने के दौरान ग्लव्ज पहनें। इसके तुरंत बाद हाथ सैनिटाइज करें या साबुन से हाथ धोएं। पोल्ट्री प्रोडक्ट को अच्छे से पकाकर ही खाएं, इससे रिस्क खत्म हो जाता है। फार्म में काम करने वालों को ज्यादा खतरा

पोल्ट्री फार्म पर काम करने वाले कर्मचारियों को बर्ड फ्लू का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए इनके बाहर आने जाने पर रोक लगाई है। जिले में अभी तक ऐसा कोई केस नहीं मिला है, जिसमें पोल्ट्री से कुछ नुकसान हुआ हो। जो लोग पोल्ट्री फा‌र्म्स में काम करते हैं या आते जाते हैं उन्हें इसका ज्यादा खतरा है। वर्जन

सभी पोल्ट्री फार्मों को चेक किया जा रहा है। निरीक्षण कर वहां पर मुर्गियों की मृत्यु दर का आंकलन किया जा रहा है। हालांकि कैलाश फार्म पर ही कुछ दिक्कतें थीं, अब वहां पर भी स्थिति नियंत्रण में है। जिले में स्थिति बर्ड फ्लू को लेकर नियंत्रित है। पोल्ट्री फार्माें को गाइडलाइन जारी की गई है, जिसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।

डा. धर्मेद्र, उपनिदेशक, पशुपालन और डेयरी विकास विभाग


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