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पिता का अलाप : लानत है ऐसी कानून व्यवस्था पर, पहले मेरा दामाद छीन लिया, अब बेटा

लानत है इस कानून व्यवस्था पर। यह व्यवस्था न मेरे दामाद को बदमशों से बचा पाई और न ही बेटे को। हत्यारे उसके बेटे को दिनदिहाड़े गोलियों से छलनी कर फरार हो गए। कैसे मैं इस पुलिस पर यकीन कर लूं और कैसे इस व्यवस्था पर। घर में विधवा बेटी बैठी है, अब मेरी बहू भी विधवा हो गई। यह अलाप है, विकास के पिता दादूपुर निवासी रघुबीर ¨सह का।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 01:58 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 01:58 AM (IST)
पिता का अलाप : लानत है ऐसी कानून व्यवस्था पर, पहले मेरा दामाद छीन लिया, अब बेटा
पिता का अलाप : लानत है ऐसी कानून व्यवस्था पर, पहले मेरा दामाद छीन लिया, अब बेटा

जागरण संवाददाता, करनाल : लानत है इस कानून व्यवस्था पर। यह व्यवस्था न मेरे दामाद को बदमशों से बचा पाई और न ही बेटे को। हत्यारे उसके बेटे को दिनदिहाड़े गोलियों से छलनी कर फरार हो गए। कैसे मैं इस पुलिस पर यकीन कर लूं और कैसे इस व्यवस्था पर। घर में विधवा बेटी बैठी है, अब मेरी बहू भी विधवा हो गई। यह अलाप है, विकास के पिता दादूपुर निवासी रघुबीर ¨सह का। उनके 26 साल के बेटे की दिनदिहाड़े हाईवे पर तीन बदमाशों गोली मार कर हत्या कर दी। इससे पहले अंजनथली निवासी उनके दामाद बबली की भी इसी तरह से हत्या कर दी गई थी। तब हत्याकांड में लाड़वा निवासी जबरा और बड़ी दादूपुर निवासी कृष्ण पर आरोप लगे थे। विकास की हत्या में भी जबरा और कृष्ण पर आरोप है।

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रघुबीर ¨सह ने बताया कि विकास इस मामले की पैरवी कर रहा था, इसलिए बदमाशों ने उसे भी खत्म कर दिया। उनका दामाद बदमाशों के निशाने पर काफी समय से था। उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी भी दी थी, लेकिन तब भी उनकी सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया गया। अब उनके बेटे की हत्या कर दी। कैसे हम पुलिस पर यकीन करे कि उनकी सुरक्षा हो सकती है। उनका तो घर ही उजड़ गया।

गुस्साएं ग्रामीणों ने लगाया जाम

युवक की हत्या के मामले में जब पुलिस प्रशासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला तब गुस्साए परिजनों ने आइटीआइ चौक के समीप जाम लगा दिया। करीब दो घंटे तक जाम लगा रहा। इससे वाहनों की लंबी कतार लग गई। बाद में मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। करीब साढ़े छह बजे तक विकास के परिजनों ने पुलिस को अल्टीमेटम दिया कि यदि शुक्रवार सुबह 11 बजे तक आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया तो वे शव को नहीं उठाएंगे और जीटी रोड को पूरी तरह से जाम कर देंगे। इसके बाद जाम खोला गया।

गुस्साएं ग्रामीण विधायक से बोले, अब मिल गया वक्त

हत्याकांड के पांच घंटे बाद विधायक तब पहुंचे, जब ग्रामीण सड़क पर बैठे हुए थे। विधायक कबीरपंथी को देख प्रदर्शनकारी अपना गुस्सा काबू नहीं रख पाए। उन्होंने आते ही कहा, विधायक जी, अब आपको समय मिल गया। पांच घंटे हो गए हत्या को अब पूछने आए हो। विकास उर्फ ¨पटू की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार शाम को परिजनों से अमृतधारा अस्पताल पहुंचे तो विधायक भगवानदास कबीरपंथी को विरोध का सामना करना पड़ा। गुस्साए लोगों ने कहा, वोट मांगने के लिए आप सुबह छह बजे दरवाजा खटखटा देते थे, अब सरेआम हत्याएं हो रही हैं, लेकिन पूछने वाला भी कोई नहीं है। आपके प्रशासन ने दो घरों को उजाड़ दिया है। इसकी जिम्मेदारी क्या आप लेने को तैयार हैं? अभी तक कार्रवाई करने के बजाय आश्वासन दिया जा रहा है। यह सुनकर विधायक कुछ नहीं बोले और मुंह लटकाए खड़े रहे। लोग बोले, सीएम से बात करो, विधायक बोले, कार्रवाई कराएंगे

अस्पताल में विकास के परिजनों ने कहा कि विधायक जी आप सीएम से बात करें अभी। यह उनका विधानसभा क्षेत्र है। यहां पुलिस क्या कर रही है। क्या उनके बच्चे यूं ही बदमाशों की गोलियों का शिकार होते रहेंगे। यह कोई छोटा मामला नहीं है, दो घर उजड़ गए। विधायक ने फोन लगाने के बजाय कहा कि कार्रवाई कराएंगे। विधायक ने मौके पर न तो किसी पुलिस अधिकारी को बुलाकर कोई निर्देश दिए और न ही सीएम के संज्ञान में यह मामला लाया। विकास की हत्या के बाद अस्पताल में पांच सौ पुलिसकर्मी लगा दिए गए। आरोपियों को पकड़ने लिए पांच पुलिसकर्मी तक नहीं भेजे गए। परिजनों का गुस्सा यहीं पर शांत नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विकास की हत्या होने के बाद अस्पताल में शव भेज दिया गया और यहां पर अस्पताल को छावनी में तब्दील कर दिया। जिस प्रकार से अस्पताल की घेराबंदी कर दी, उसी प्रकार बदमाशों को पकड़ने के लिए घेराबंदी की जाती तो वे गिरफ्त में होते।


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